नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेप्तुल्ला ने आज यहां “नई रोशनी” के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रबंधन प्रणाली (ओएएमएस) की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से योजना के बारे में लोगों को जानकारी मिलेगी और पारदर्शिता बढ़ने के साथ-साथ काम में तेजी आएगी।मंत्रालय ने “नई रोशनी” के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रबंधन प्रणाली (ओएएमएस) योजना को विकसित किया है। इस प्रणाली की प्रक्रियाएं और लाभ इस प्रकार हैं-
• ऑनलाइन आवेदन का प्रस्तुतिकरण और तारीख सहित आवेदन आईडी का सृजन
• आवेदनों की ऑनलाइन स्क्रीनिंग
• दस्तावेजों की ऑनलाइन प्राप्ति
• डाक या मानवीय भूल के कारण दस्तावेज गुम नहीं होंगे
• प्रक्रिया संबंधी विलम्ब में कमी
• कागजी कार्य न्यूनतम
• समय की बचत
• आवदेनकर्ता अपनी आईडी द्वारा अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकता है
• ऑनलाइन परियोजना मंजूरी, निधियों का आवंटन और उनको जारी करना
• परियोजनाओं की ऑऩलाइन निगरानी
• पब्लिक डोमेन में प्रक्षिशित महिलाओं, परियोजनाओं के स्थान आदि की रिपोर्ट
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय 2012-13 से अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व विकास के लिए “नई रोशनी” नामक योजना चला रहा है ताकि सरकारी प्रणालियों, बैंको और अन्य संस्थाओं द्वारा आदान-प्रदान के जारिए अल्पसंख्यक महिलाओं को जानकारी, उपकरणों और तकनीकियों के बारे में बताकर उनके सशक्तिकरण और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया जा सके।
योजना का क्रियान्वयन गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाजों, न्यासों आदि के जरिए किया जा रहा है। योजना के तहत एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है और उसके बाद एक वर्ष प्रशिक्षु से काम कराया जाता है। प्रशिक्षण प्रक्रिया के तहत महिलाओं को विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने के लिए महिला नेतृत्व कार्यक्रम शामिल है। इसके अलावा योजना में महिलाओं के लिए शैक्षिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, महिलाओं के कानूनी अधिकार, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, स्वच्छ भारत, दैनिक कौशल और सामाजिक तथा व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण भी शामिल हैं। अब तक 24 राज्यों में 1.67 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिसके लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान 36 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
चूंकि योजना जन साधारण से संबंधित है इसलिए इस बात की जरूरत महसूस की गई कि आवेदन, आवेदनों की स्क्रीनिंग, दस्तावेजों की प्राप्ति, डाक या मानवीय भूल के कारण दस्तावेजों के गुम होने को रोकने, प्रक्रिया संबंधी विलम्ब में कमी आदि के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जाए, ताकि प्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में इजाफा हो। उल्लेखनीय है कि यह योजना वर्तमान सरकार के गुड गवर्नेंस मिशन तथा डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है।