रेज़ (आरएआईएसई) 2020 शिखर सम्मेलन का उद्धाटन प्रधनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में कम्प्यूटर विज्ञान और एमआईटी अमेरिका में एआई लैब के निदेशक प्रो. डेनियल रुस, गूगल रिसर्च इंडिया में सामाजिक सद्भाव के लिए एआई निदेशक डॉ. मिलिंद तांबे, आईबीएम और साउथ एशिया के एमडी श्री संदीप पटेल, कम्प्यूटर वैज्ञानिक यूसी बर्कले, डॉ. जोनाथन स्टुअर्ट रसेल तथा विश्व आर्थिक मंच की सुश्री अरुणिमा सरकार तथा अन्य अनेक विशेषज्ञ इस शिखर सम्मेलन के तीसरे दिन यानी 7 अक्टूबर को भागीदारी करेंगे। इलेक्टिॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग 5 से 9 अक्टूबर, 2020 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रेज़ 2020-सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जवाबदेह एआई पर एक वैश्विक वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।
प्रो. रुस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी के विज़न के बारे में बातचीत करेंगे, जिसमें भारत जून 2020 को इंग्लैंड, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मैक्सिको, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया और सिंगापुर के साथ एक संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल हुआ है। भारत, इस सत्र में डॉ. रसेल, सुश्री सरकार, श्री उमाकांत सोनी, सह-संस्थापक, एआई फाउंड्री के साथ शामिल होगा।
माइक्रोसॉफ्ट की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अधिकारी डॉ. रोहिणी श्रीवत्स, एआई तैयार कार्यबल के लिए निर्माण कौशल पर एक सत्र को संबोधित करेंगी, जहां सुश्री लौरा लॉन्गकोर, वीपी, वर्ल्डवाइड लर्निंग फील्ड और सुश्री कीर्ति सेठ, लीड फ्यूचर्स स्किल्स नासकॉम उनकी मदद करेंगे।
डॉ. मिलिंद तांबे जवाबदेही एआई के निर्माण में अनुसंधान की जरूरत पर और श्री संदीप पटेल विकास के लिए एआई का लाभ उठाने की चुनौतियों और अवसरों पर एक सत्र को संबोधित करेंगे। इस सत्र में सीआईओ, सप्लाई चैन एंड ई-कॉमर्स, बेस्ट सेलर इंडिया श्री रंजन शर्मा, मारुति सुजुकी इंडिया के एवीपी श्री तरूण अग्रवाल, अपोलो हॉस्टिपल के सीआईओ श्री अरविंद शिवराम कृष्णन, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी एमडी श्री अनूप महापात्रा, आईबीएम ग्लोबल बिजनेस सर्विस की जीएम सुश्री लूला मोहंती, ईडी,सीओओ एंड बिजनेस हैड- रिटेल, फेडरल बैंक, सुश्री शालिनी वॉरियर भी भाग लेंगे।
इस दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समाधानों को तैयार करते समय मनुष्यों को केन्द्र में रखने की जरूरत के बारे में डिजिटल भविष्य के लिए भारतीय टेलिकॉम नियामक प्राधिकरण के चेयरमैन श्री आर.एस. शर्मा और सेंटर फॉर द डिजिटल फ्यूचर के अध्यक्ष श्री आर. चन्द्रशेखर के बीच जोरदार वार्ता होगी।
‘एआई रिसर्च-लैब टू मार्किट’ विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसे भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजय राघवन संबोधित करेंगे। इस सत्र में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के एमडी डॉ. श्रीराम राजमणि और प्रो. नरेन्द्र आहूजा, अनुसंधान प्रो. यूआईयूसी, अमेरिका भी शामिल होंगे।
विश्व फाउंडेशन और वधवानी एआई के फाउंडर-डॉनर डॉ. सुनील वधवानी संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल के नये युग और स्वास्थ्य देखभाल की अंतिम छोर तक आपूर्ति के महत्व पर आयोजित सत्र को संबोधित करेंगे। इस सत्र में इंटरनेशनल डिजिटल हेल्थ एंड एआई रिसर्च कोलाबोरेटिव (आई-डीएआईआर) के सीईओ एवं परियोजना निदेशक डॉ. अमनदीप गिल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. इंदु भूषण और एडब्ल्यूएस रिसर्च के प्रमुख डॉ. संजय पांधी भी भाग लेंगे।
भारत में एक्सेंचर रेचनोलॉजी सेंटर की एमडी सुश्री आरती देव और लिंक्डइन में एआई की प्रमुख डॉ. रुशी भट्ट, व्याख्या योग्य एआई पर आयोजित एक सत्र में भाग लेंगी, जबकि प्रो. कौशिक रॉय पर्डयू, विश्वविद्यालय ‘मस्तिष्क द्वारा प्रेरित एआई’ पर एक वार्ता का आयोजन करेंगे। अभी तक शिक्षा क्षेत्र, अनुसंधान उद्योग और 123 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों सहित 35,034 से अधिक हितधारकों ने रेज़ 2020 में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।
कृषि से लेकर फिनटेक और स्वास्थ्य देखभाल से लेकर बुनियादी ढांचे तक भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में तेजी से विकास कर रहा है। भारत दुनिया के लिए एआई प्रयोगशाला बन सकता है और सशक्तिकरण के माध्यम से समग्र विकस और प्रगति में योगदान दे सकता है। रेज़ 2020 शिखर सम्मेलन ( http://raise2020.indiaai.gov.in/ ) डेटा से समृद्ध माहौल के सृजन में मदद करने के लिए विचार-विमर्श और आम सहमति के रूप में कार्य करेगा, जिससे विश्वस्तर पर लोगों के जीवन में बदलाव लाने में मदद मिलेगी।
रेज़ 2020 अपने किस्म का पहला सम्मेलन है, जो जवाबदेह एआई के माध्यम से सामाजिक बदलाव, समावेश और सशक्तिकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और रोडमैप को आगे बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बुद्धिमानों की एक वैश्विक बैठक है। भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा नीति आयोग के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक उद्योग दिग्गजों, प्रमुख मत निर्माताओं, सरकारी प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों की मजबूत भागीदारी होगी।