देहरादून : बच्चों में जिज्ञासा की प्रवृत्ति विकसित की जानी चाहिए। जिज्ञासा ही रिसर्च को जन्म देती है। तकनीक के विकास के साथ बच्चों की ज्ञान तक सीधी पहुंच हुई है। ऐसे समय में भी अध्यापाकों
को अपनी सार्थकता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। एमकेपी इण्टर कालेज में राज्य विज्ञान महोत्सव 2015 का विधिवत शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि समय के साथ शिक्षा के परिवेश में बदलाव आया है। अध्यापकों को इस बदलाव के अनुसार अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें अपने बच्चों में जिज्ञासा की भावना लानी होगी और उनके अंदर की अपार ऊर्जा को जागृत करना होगा। प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा बच्चों की बुनियाद होती है। अध्यापक हमारी उस पूंजी के कस्टोडियन होते हैं जिस पर हमारा आज और कल निर्भर है। हम तुलनात्मक रूप से शिक्षा पर सबसे अधिक व्यय कर रहे हैं। बड़े बदलाव के लिए शिक्षा के क्षेत्र में मिशन मोड में काम करना होगा। इसका दायित्व अध्यापकों पर है। हमें अपने अध्यापकों की क्षमता पर पूरा विश्वास है। विज्ञान महोत्सव में प्रदर्शित किए गए विज्ञान माॅडलों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इन्हीं बच्चों में से हमारे कल के वैज्ञानिक बनेंगे। उन्होंने विज्ञान महोत्सव के लिए धनराशि बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि विज्ञान के माध्यम से प्रतिस्पर्धा का भाव प्रदर्शित होता है। विज्ञान महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र छात्राओं की उच्च शिक्षा में सरकार की ओर से सहयोग की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। एमकेपी इण्टर कालेज में राज्य विज्ञान महोत्सव-2015 का आयोजन 6 दिसम्बर से 9 दिसम्बर तक किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के 13 जिलों से छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। विज्ञान प्रदर्शनी में 312, विज्ञान मेला में 78, विज्ञान ड्रामा में 104 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें 13 जनपदों से मार्गदर्शक के तौर पर 65 शिक्षक भी प्रतिभाग कर रहे हैं। विज्ञान महोत्सव में 6 सबथीम में चयनित 2-2 छात्र-छात्राएं अर्थात कुल 12 छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करेंगे।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव व विधायक राजकुमार, अपर मुख्य सचिव एस राजू, सचिव विद्यालयी शिक्षा एन सैंथिल पांडियन सहित अधिकारी, अध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्व0 डा.एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित नाटिका का भी मंचन किया गया।