नई दिल्ली: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अंतर-राज्य पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) से जुड़ी 1000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने की योजना के क्रियान्वयन के लिए पारदर्शी बोली प्रक्रिया हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक पवन ऊर्जा परियोजनाओं का चयन खुली एवं पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा और इसके बाद ई-रिवर्स नीलामी की जाएगी। यदि खरीदने वाले निकायों की ओर से मांग की जाती है, तो इसकी क्षमता को बढ़ाकर 1000 मेगावाट से ज्यादा भी किया जा सकता है। क्रियान्वयनकारी एजेंसी एसईसीआई ने इस योजना के तहत बोली लगाने वालों के चयन के लिए आरएफएस दस्तावेज पहले ही जारी कर दिया है।
गैर-हवादार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ-साथ 10 मेगावाट या उससे ज्यादा बिजली खरीदने के इच्छुक किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के बल्क उपभोक्तागण भी इस योजना के तहत पवन ऊर्जा खरीद सकते हैं।
इस योजना के तहत एसईसीआई द्वारा चयनित की गई व्यापारिक कंपनी पीटीसी इंडिया लिमिटेड बोली लगाई गई शुल्क दर पर पवन परियोजनाओं के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर और इसके बाद चयनित की गई कुल बोलियों के संयोजन मूल्य पर खरीदारी करने वाले निकायों के साथ विद्युत बिक्री समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर करेगी। पीपीए और पीएसए की अवधि 25 वर्ष होगी।
बोली लगाने वाले 50 मेगावाट की न्यूनतम क्षमता और 250 मेगावाट तक की अधिकतम क्षमता के लिए बोली लगा सकते हैं।
ये दिशा-निर्देश http://mnre.gov.in/file-manager/grid-wind/Scheme-for-Setting-up-of-1000-MW-ISTS-connected-Wind-Power-Projects.pdf पर उपलब्ध हैं।
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