नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने संयुक्त रूप से “2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के रोडमैप” पर विचार-मंथन के लिए आज एक चिंतन बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के अक्षय ऊर्जा रोडमैप पर चर्चा की गई। चिंतन बैठक एमएनआरई के आजादी का अमृत महोत्सव के चल रहे समारोह का एक हिस्सा था।
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री आर.के. सिंह ने मुख्य व्याख्यान दिया और भारत की क्रॉस-सेक्टरल नेट जीरो और ऊर्जा के बदले स्वरूप से जुड़ी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्राथमिकताओं, मुद्दों और वैश्विक ऊर्जा बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए क्लाइमेट फाइनेंस की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
बैठक में विचार-विमर्श सत्र की अध्यक्षता श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी, सचिव, एमएनआरई ने की। श्री आलोक कुमार, सचिव, विद्युत ने उद्घाटन भाषण दिया और मुख्य सचिव, राजस्थान द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। मुख्य सचिव, गुजरात, अध्यक्ष, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, प्रबंध निदेशक, भारतीय सौर ऊर्जा निगम, फिक्की अक्षय ऊर्जा परिषद के अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष हैं।
श्री अरुण चावला, महानिदेशक, फिक्की ने इस बैठक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का स्वागत किया और बैठक के लिए मुद्दे को निर्धारित किया। सुश्री ऋचा शर्मा, अपर सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रतिभागियों को नेट जीरो एजेंडा के विकास, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के रुख और 2070 तक कार्बन उत्सर्जन में नेट-जीरो हासिल करने के संभावित रास्तों के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद खुली चर्चा हुई जिसमें उद्योग जगत के नेताओं ने उद्योग के सामने आने वाले कई मुद्दों और सुझावों को साझा किया। सचिव, एमएनआरई ने भारत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के संबंध में उद्योग जगत के नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अपनी जानकारी प्रदान की।