नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के उपयोग के लिए चार निरीक्षण जहाजों की डिजाइन निर्माण और सप्लाई के लिए कोलकाता की गार्डेन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड को ठेका दिया है। जीआरएसई स्पर्धी बोली में सफल रही। इस करार पर आज नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय तथा जीआरएसई के बीच हस्ताक्षर किए गए।
करार पर रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव तथा अधिग्रहण प्रबंधक (एमएस) श्री रविकांत ने तथा जीआरएसई कोलकाता की ओर से निदेशक (शिपबिल्डिंग) कोमोडोर एस.नैय्यर आईएन (सेवानिवृत्त) ने हस्ताक्षर किए। भारतीय नौसेना द्वारा प्रस्ताव के लिए अनुरोध सार्वजनिक क्षेत्र के चार शिपयार्ड – जीआरएसई, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) तथा दो भारतीय निजी शिपयार्ड को अप्रैल 1016 में दिए गए थे जिसमें जीआरएसई कम राशि की बोली लगाने वाली सफल कंपनी के रूप में उभरी। इन चार जहाजों का आदेश मूल्य 2435.15 करोड़ रुपये है। पहला जहाज 36 महीनों के अंदर डिलीवर किया जाएगा और शेष जहाज 6-6 महीने के अंतराल पर दिए जाएंगे। परियोजना पूरी होने का समय करार पर हस्ताक्षर होने की तिथि से 54 महीने है। इस प्रतिष्ठित करार के साथ जीआरएसई का आर्डर बुक 22,604 करोड़ रुपये का हो गया है। जीआरएसई अभी पी17ए परियोजना के अंतर्गत भारतीय नौसेना के लिए राडार की नजर से बच निकलने वाले 3 पोत का निर्माण कर रही है।
रक्षा क्षेत्र की यह सार्वजनिक कंपनी देश की जंगी जहाज बनाने वाली प्रमुख कंपनी है और इस प्रतिष्ठान ने 1960 में स्थापना के बाद से सबसे अधिक संख्या में लड़ाकू जहाज दिए हैं। जीआरएसई ने अब तक 98 लड़ाकू जहाज बनाए हैं।
निरीक्षण जहाज बंदरगाहों और गोदियों का तटीय और गहरे पानी में हाइड्रोग्राफिक निरीक्षण करने में सक्षम हैं। यह जहाज अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरण तथा सेंसरों से लैस होंगे। इन जहाजों के डिजाइन और निर्माण में जीआरएसई ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रमाणित करेगी।