नई दिल्ली: भारतीय खिलाडि़यों की रियो ओलम्पिक 2016 के लिए तैयारियों को गति प्रदान करने और देश की पदक उम्मीदों को बढ़ाने के लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल संघों के लिए सहायता योजना के तहत विभिन्न वित्तीय मानदंडों को संशोधित किया है।
यह घोषणा आज गुवाहाटी में युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सर्बानंद सोनोवाल ने की। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संशोधित मानदंडों के अनुसार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप धारण करने पर वरिष्ठ खिलाडि़यों, जूनियर और सब-जूनियर खिलाडि़यों को मिलने वाली 2 लाख रूपये की राशि, वरिष्ठों के लिए 5 लाख रूपये, जूनियरों के लिए 7 लाख रूपये और सब-जूनियरों के लिए 10 लाख रूपये कर दी गई है, जिससे युवा खेल प्रतिभा को तलाशने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि परम्परागत प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने के लिए ऐसे आयोजनों हेतु 5 लाख तक की सहायता का नया प्रावधान किया गया है। ऐसी प्रतियोगिताओं की पहचान विशेषज्ञों की एक समिति करेगी। भारत में प्रतिष्ठित प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए 25 लाख रूपये की सहायता मिलेगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि वरिष्ठ खिलाडि़यों और प्रशिक्षकों को 500 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लॉस से करने की अनुमति होगी। इसी तरह जूनियर खिलाड़ी भी 1200 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लॉस से कर सकेंगे। सब-जूनियर खिलाडि़यों को भी एसी-3 टायर से यात्रा करने की अनुमति होगी। इससे खिलाडि़यों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सुविधा रहेगी और थकान महसूस नहीं होगी।
श्री सोनोवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयोजित होने वाले प्रशिक्षण शिविरों और प्रतियोगिताओं के लिए भी हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी। इसी प्रकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के खिलाडि़यों को भी अपने निवास स्थान/प्रशिक्षण शिविर से कोलकाता आने जाने के लिए हवाई यात्रा करने की अनुमति होगी। 5 लाख रूपये की चिकित्सा बीमा पॉलिसी और 25 लाख की व्यक्तिगत दुघर्टना पॉलिसी भी खिलाडि़यों को उपलब्ध कराई जाएगी।
भारत में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए वित्तीय सहायता की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रूपये प्रति/प्रतियोगिता कर दी गई है। इस सहायता का उपयोग ठहरने, खाने, यातायात, खेल मैदानों के किराये, उपकरणों की लागत, प्रमाणपत्रों, पुरस्कारों, पुरस्कार राशि के लिए किया जा सकेगा। संशोधन से पूर्व पुरस्कार राशि सहायता का कोई प्रावधान नहीं था।
श्री सोनोवाल ने कहा कि डॉक्टरों, फिजियोथेरेपिस्टों, मनोवैज्ञानिकों जैसे विभिन्न सहायक कर्मियों के वेतन में भी भारी बढ़ोतरी की गई है, ताकि अधिक कुशल कर्मचारी खिलाडि़यों की मदद के लिए आकर्षित किये जा सकें।
एसएआई/एनएसएफ बड़े-बड़े आयोजनों में शामिल खेल विधाओं के लिए उच्च कार्य निष्पादन वाले विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के वेतन को बढ़ाकर 2 लाख रूपये प्रतिमाह तक कर दिया है। मुख्य प्रशिक्षक के वेतन को 50 हजार रूपये से तीन गुना बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपये प्रतिमाह कर दिया है। विशेष वांछनीय मामलों में अधिक वेतन देने की भी अनुमति होगी। अन्य प्रशिक्षकों का वेतन 30 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इससे अच्छे प्रशिक्षकों को लाभ मिलेगा। श्री सोनोवाल ने कहा कि एनएसएफ को 10 लाख तक के उपकरण खरीदने की अनुमति दे दी गई है। इससे अधिक राशि की खरीदारी भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) द्वारा की जाएगी।
खेल विज्ञान के दृष्टिकोण से खिलाडि़यों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने की अनुमति होगी। खेल विज्ञान और चिकित्सीय फिटनेस के मद्देनजर मूल्यांकन के लिए प्रत्येक खिलाड़ी/ अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के लिए (अगर प्रतियोगिता से पूर्व शिविर आयोजित नहीं किया गया है) 1500 रूपये की राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।