आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट फूड वेंडर्स को हजारों की संख्या में ग्राहक उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में ग्राहकों से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इससे उनके व्यवसाय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होगी। इस समझौते पर ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त सचिव श्री संजय कुमार और स्विगी के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्री राहुल बोथरा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा तथा मंत्रालय और स्विगी के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के नगर आयुक्तों ने भी हिस्सा लिया।
कोविड-19 महामारी की इस विषम परिस्थितियों में यह एक अच्छी पहल है क्योंकि इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी एकमात्र और सर्व प्रमुख उपाय है। ऐसे में देश के विभिन्न शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन मंच उपलब्ध करा कर जहां उनके व्यापार को आगे बढ़ाने का अवसर दिया जाएगा वहीं उपभोक्ताओं को घर बैठे अपनी पसंद का स्ट्रीट फूड खाने को मिलेगा। अपनी तरह के इस पहले प्रयास में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने नगर निगमों, एफएसएसएआई, स्विगी और जीएसटी अधिकारियों से पूर्ण समन्वय किया है ताकि इस पहल को साकार करने में किसी तरह की तकनीकी बाधा सामने ना आए।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के प्रायोगिक कार्यक्रम के रूप में इस समझौते में 5 शहरों अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के 250 विक्रेताओं को शामिल किया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर्स को पैन कार्ड और एफ़एसएसएआई पंजीकरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ साझेदार ऐप इस्तेमाल करने संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण से लेकर मेन्यू डिजिटाइजेशन और कीमत निर्धारण, स्वच्छता तथा पैकिंग की बेहतर प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। आरंभिक कार्यक्रम की सफलता के उपरांत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय तथा स्विगी इस पहल को देशभर में चरणबद्ध ढंग से लागू करेंगे। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की इस पहल से ऑनलाइन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में लोकप्रिय मंच स्विगी से स्ट्रीट फूड वेंडर न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे बल्कि उनकी आय के लिए बड़ा मार्ग प्रशस्त होगा।
इस कार्यक्रम के दौरान आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव ने पीएम स्वनिधि डैशबोर्ड के संशोधित संस्करण को भी लॉन्च किया जो उपयोगकर्ताओं को न सिर्फ इस योजना के बारे में बेहतर उपयोग अनुभव देगा बल्कि इसमें तुलना हेतु नए टूल भी शामिल किए गए हैं।
मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि योजना 1 जून, 2020 से क्रियान्वित की है। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण देशबंदी से बुरी तरह प्रभावित हुए स्ट्रीट वेंडर्स को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए सस्ते दर पर छोटे ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत 24 मार्च, 2020 से पहले शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में काम करने वाले 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर अपना काम शुरू करने के लिए 10,000 रुपये का छोटा लोन ले सकते हैं, जिसे 1 वर्ष की अवधि में उन्हें वापस लौटाना होगा। समय पर, या समय से पहले भुगतान करने पर खाताधारक के खाते में 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज सब्सिडी तिमाही आधार पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के मध्यम से दी जाएगी। लोन के पहले भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं होगा। यह योजना 1,200 रुपये तक के कैश बैक के रूप में प्रोत्साहन से डिजिटल लेन-देन को भी बढ़ाव देती है। समय पर या समय से पहले लोन का भुगतान कर गली विक्रेता अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक ऋण की पात्रता हासिल कर सकते हैं।
पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 4 अक्टूबर, 2020 तक 20 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 7.5 लाख से अधिक आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं और 2.4 लाख से अधिक लोन वितरित किया जा चुके हैं।