लखनऊ: प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रदेश के विविध जनपदों में कम सुविधाओं वाले वृद्धाश्रमों में रह रही निराश्रित/विधवा महिलाओं को अधिक सुविधा युक्त नवनिर्मित वृन्दावन के वृद्धाश्रम में आवासित कराने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए एकल महिला छात्रवासों की स्थिति में सुधार और क्षमताओं में वृद्धि किया जाना आवश्यक है, ऐसी स्थिति में इन छात्रावासों को पीपीपी माॅडल पर चलाने की व्यवस्था की जाये। प्रो0 जोशी आज सचिवालय स्थित अपने कक्ष कार्यालय में राज्य महिला आयोग के अधीन चल रहे समस्त महिला आवास गृहों की समीक्षा कर रही थीं।
समीक्षा के दौरान राज्य महिला आयोग की सचिव श्रीमती गरिमा यादव ने अवगत कराया कि वृन्दावन के नवनिर्मित वृद्धाश्रम में वर्तमान में आवासित समस्त 45 वृद्ध महिलाओं हेतु उत्तम व्यवस्थाओं के साथ मन्दिरों में जाने-आने का साधन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री प्रो0 जोशी ने कहा कि नवीन सुविधाओं से युक्त इस आश्रम में इसकी आवास क्षमता का पूर्ण उपयोग किया जाये तथा अन्य जनपदों में जहां आश्रमों में व्यवस्थायें अपेक्षानुसार नहीं है वहां से वृद्ध महिलाओं को वृन्दावन के इस सुविधा-सम्पन्न वृद्धाश्रम में आवासित करा दिया जाये। उन्होंने कहा वृद्ध महिलाओं को यहां स्थानान्तरित करते समय उनकी इच्छा का पूर्ण सम्मान किया जाये।
बैठक में राज्य महिला आयोग की सचिव ने अवगत कराया कि निराश्रित, आश्रयहीन तथा कठिन परिस्थतियों में रहने वाली महिलाओं के लिए मथुरा में राज्य पोषित एवं केन्द्र पोषित स्वाधार गृह चल रहे हैं। प्रो0 जोशी ने सभी स्वाधारगृहों की व्यवस्थाओं और रख-रखाव की पुख्ता मानीटरिंग कराने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में श्रमजीवी महिलाओं के लिए तथा विद्यार्जन के लिए प्रवास करने वाली महिलाओं हेतु आवास की बढ़ती मांग को ध्यान में रखना होगा। प्रो0 जोशी ने कहा कि एकल महिला छात्रावासों को अधिक सुविधा सम्पन्न एवं इनकी क्षमताओं में वृद्धि करने के लिए अच्छी निजी संस्थाओं से सम्पर्क किया जाये।
बैठक में नोयडा स्थित एकल श्रमजीवी छात्रावास के शुभारम्भ, मथुरा में चैतन्य घाट स्थित विधवाश्रम में अगरबत्ती निर्माण कार्य की प्रगति तथा छात्रावासों की क्षमता वृद्धि हेतु विकल्पों पर भी चर्चा हुई। बैठक में राज्य महिला आयोग की सचिव तथा अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।