लखनऊ: सभी नागरिकों को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराने के भारतीय संविधान के अनुच्छेद-39 के में प्राविधानित नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अनुसरण में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के द्वारा राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन राज्य के सभी नागरिकों को समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु किया गया है उच्च न्यायालय स्तर पर उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समितियां, उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पूरक संस्था के रूप में गठित की गयी है।
इन संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति को सुनिश्चित करने एवं विधिक सेवा गतिविधियों के प्रभावी पर्यवेक्षण हेतु उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री राकेश तिवारी, वरिष्ठ न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दो मई 2015 को 6 जनपदों लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई एवं रायबरेली के जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ उच्च स्तरीय बैठक उच्च न्यायालय, खण्डपीट, लखनऊ में की गयी। बैठक में मोटर दुर्घटना प्रतिकर तथा बीमा संबंधित मामलों हेतु नौ मई 2015 की आयोजित होने वाली मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत की भव्य सफलता हेतु उक्त जनपदों के द्वारा कृत कार्यवाहियों की समीक्षा भी की गयी।
यह जानकारी श्री एस0एन0अग्निहोत्री सदस्य सचिव उ0प्र0 विधिक सेवा प्राधिकरण ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री राकेश तिवारी वरिष्ठ न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्षों की उच्च स्तरीय बैठक उच्च न्यायालय, लखनऊ में की गयी, जिसमें दिनांक 9 मई 2015 (शनिवार) को राष्ट्रीय मासिक लोक अदालत के आयोजन को सफल व अविस्मरणीय बनाने हेतु समस्त अधिकारीगण व विभागों विशेषतः प्रशासनिक, पुलिस, परिवहन विभाग, बीमा कम्पनियों के अधिकारीगण के सक्रिय सहयोग का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी के नामांकन एवं उपयुक्त वादों के चिन्हांकन पर बल दिया।
मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में ऐसे विवाद जो अभी न्यायालय के समक्ष नहीं आए है उन्हें भी वाद पूर्व सुनवाई (प्रीलिटीगेशन) स्तर पर निपटारा कराया जा सकता है। समस्त उत्तर प्रदेश में दिनांक 9 मई 2015 को मोटर दुर्घटना प्रतिकर तथा बीमा मामलों से संबंधित लोक अदालत एवं वाद पूर्व (प्रीलिटीमेशन) लोक अदालत का आयेाजन कराया जा रहा है जिसका लाभ संबंधित पक्ष उठा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि माननीय कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री राकेश तिवारी वरिष्ठ न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा दिनांक 2 मई को लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के नवीन परिसर में आयोजित सिम्पोजियम में भी सहभागिता की गयी। उक्त सिम्पोजियम में माननीय न्यायमूर्ति श्री राकेश तिवारी ने बल दिया कि वैकल्पिक रूप से विवादों के निस्तारण कराने की पद्धतियों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाय।
मा0 कार्यपालक अध्यक्ष द्वारा अपील की गयी कि हम सभी अपने आस-पास किसी भी प्रकार के विवाद की दशा में पक्षकारों को प्रेरित करें कि वे अपने मामले को सर्वप्रथम वैकल्पिक विवाद निस्तारण की पद्धतियों से सुलझाने का प्रयास करें और असफल रहने पर ही न्यायालय का सहारा लें, क्योंकि वैकल्पिक रीति से विवाद समाधान में पक्ष समस्या का समाधान स्वयं ढूंढते हैं। उनके बीच बातचीत का क्रम जारी रहता है। इस कारण उनके बीच तनाव भी समाप्त हो जाता हैं रिश्तों की खटास कम हो जाती है और आगे का बिखराव रूकता है। अनबन के कारण बन्द हुए रास्ते एक बार फिर खुल जाते हैं।
माननीय कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राकेश तिवारी ने सभी को आश्वस्त किया कि वैकल्पिक रूप से विवाद समाधान पद्धतियों को बढ़़ावा देने में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदैव तत्पर रहेगा और आप सभी को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का प्रयास करेगा।