देहरादून: जिलाधिकारी रविनाथ रमन की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में मासिक स्टाफ बैठक सम्पन्न हुई।बैठक में जिलाधिकारी ने खनिज, देयकों की वसूली रजिस्ट्रेशन सम्बन्धित प्रकरणों, रजिस्ट्रार विभाग को आंवटित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्तियंा, मनोरंजनकर, वादों के निस्तारण, महालेखाकार से प्राप्त आडिट आपत्तियों के निस्तारण, शस्त्र लाईसेन्स आवंटन स्थिति, मा. मुख्यमंत्री जनता दर्शन में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण, वर्ग चार की भूमि के विनियमितीकरण, पेंशन प्रकरणों सहित अनेेक बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि भारी वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का मुआवजा की धनराशि के चैकों का प्रभावितों को शतप्रतिशत वितरण युद्व स्तर पर स्ुनिश्चित कर लें। तथा आंवटित राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध करने के निर्देश तहाीलदारों को दिये। और कहा कि यदि किसी तहसील की और धनराशि की मांग है तो उनसे मांग पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा ताकि मांग के अनुसार धनराशि उन्हे उपलब्ध कराई जा सके। उन्होने कहा कि जिन तहसीलों ने अभी प्रभावितों को धनराशि नही बंाटी है सम्बन्धित तहसीलदार प्रभावितों को धनराशि तुरन्त उपलब्ध करा कर उपयोगिता प्रमाण पत्र जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करादें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि फसल की मुआवजे की राशि के चैक एकाउन्ट पेई वाले ही दिये जायें। ज्ञातब्य है कि सदर तहसील ने अब तब उपलब्ध धनराशि 1.92 करोड के विपरीत 1.47 करोड, विकासनगर तहसील ने 2.60 करोड के सापेक्ष 1.75 करोड, डोईवाला तहसील ने 1.80 करोड के सापेक्ष 1.47 करोड, ऋषिकेश तहसील ने 1.60 करोड के सापेक्ष 97.22 लाख की धनराशि प्रभावित किसानों को वितरित की जा चुकी है। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों एवे तहसीलदारों को निर्देश दिये है कि उनके न्यायालयों में लम्बित वादों का निस्तारण तेजी से करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि काफी समय से लम्बित वादों का निस्तारण अनिवार्य रूप से कर लें ।
एक अन्य आपदा की बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये है कि अतिवृष्टि, पानी निकासी को अवरूद्व करने वाले नालों, नदियों की सफाईएवं सुघारीकरण का कार्य वर्षा से पूर्व सुनिश्चित कर लिया जाय ताकि बरसात के समय नदियों एवं नालों से आपदा की स्थिति न उत्पन्न हो। उन्होने नालों एवे नदियों के सर्वे का कार्य सिचंाई एवं नगर निगम को अपने-अपने क्षेत्र में कर तदुनुसार ठोस रणनीती के तहत नदी नालो की सफाई का कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होने यह भी निर्देेश दिये कि इससे प्राप्त होने वाले खनन सामग्री का नीलाम भी सम्बन्धित विभाग ही करेगें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि नदियों में सफाई के कार्य हेतु शासकीय संस्थाओं को ही अधिकृत किया जायेगा। उन्होने इस कार्य की रणनीती बनाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को 15 दिन की समय सीमा दी ।
उन्होने विभागीय परिसम्पतियों को अपने ही बजट से अनुरक्षण करने के निर्देश कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को दिये। आपदा प्रबन्धन की समीक्षा के दौरान चिकित्सा विभाग द्वारा बताया गया कि जनपद में 108 की सेवाओं सहित कुल 12 एम्बुलैन्स वाहन है जो जपनद में अलग-अलग स्थानों से संचालित है। जिलाधिकारी ने कालसी, चकराता क्षेत्र में ओवरलोडिग पर अकुंश लगाने के लिए संभागीय अधिकारी को मार्गो पर संघन चैकिगं करने के निर्देश दिये। उन्होने परिवहन अधिकारी को वाहनों के लिए निर्धारित रूटों पर ही वाहन चलाने के आदेश का पालन कडाई से सुनिश्चित करने केे निर्देश दिये। उनका कहना था कि प्रायः अपनी सुविधा एवं सवारी की उपलब्धता के अनुसार वाहन चालक निर्धारित रूट पर नही चलते है, जिससे कतिपय मार्गो में ओवर लोडिग के कारण दुर्घटना की संम्भावना बनी रहती है। उन्होने विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये है कि जिन स्थानों में विद्युत तार झूल रहे है उन्हे तुरन्त ठीक कर दें तथा पेडो की लौपिग का कार्य भी कर दें। उन्होने सम्भावित आपदा से तुरन्त निपटने के लिए तहसील स्तर पर भी त्वरित राहत के उपकरण यथा रस्सी स्टेचर, ट्राच, कुदाल आदि उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को दिये। उन्होने नगर निगम को अभी से नालों की सफाई का कार्य युद्व स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिये तथा सडक पर भवन सामग्री से अवरोध करने वाले मालिकों का चालान करने के निर्देश दिये। तथा शहर में गिरासू भवनों को खाली करने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रताप शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन झरना कमठान, उप जिलाधिकारी डोईवाला बन्दना, नगर मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्र, उप जिलाधिकारी चकराता अशोक पाण्डेय, उप जिलाधिकारी विकासनगर मोहन सिंह वर्निया, उप जिलाधिकारी सदर रामजी शरण, प्रभारी अधिकारी मुख्यालय एन.एस. डांगी सहित सभी तहसीलदार एवं सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।