18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

हाल के वर्षों में विभिन्न कर्मचारी संघों के साथ परस्पर सम्वाद के अधिक माध्यम खुले हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

केंद्रीय सचिवालय सेवा (सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विसेस- सीएसएस) के मंच (फोरम)  और सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (लिमिटेड डिपार्टमेंटल कम्पिटीटिव एक्सामिनेशंस – एलडीसीई) के सीधी  भर्ती से आए कर्मियों सहित केंद्रीय सचिवालय कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्ली में संयुक्त रूप से केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय , कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा व्यक्तिगत रूप से रुचि लेने और पिछले महीने सहायक अनुभाग अधिकारियों (एएसओ) से अनुभाग अधिकारियों के रूप में बड़े पैमाने पर पदोन्नति में तेजी लाने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मंत्री महोदय  को धन्यवाद दिया।

कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पिछले महीने तत्काल प्रभाव से तदर्थ आधार पर सहायक अनुभाग अधिकारियों (एएसओ) के पद पर कार्यरत 1,592 अधिकारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति को स्वीकृति दी थी।

मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले वर्ष ही अकेले बड़े पैमाने पर लगभग 9,000 पदोन्नतियां की गईं और उससे पहले डीओपीटी ने पिछले तीन वर्षों में 4,000 पदोन्नतियां दी थीं।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया में यह तेजी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के प्रभारी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के निर्देश पर लाई गई है, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी इस बात के लिए बहुत उत्सुक हैं कि परिश्रमी और अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को कार्य के अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए और इसके साथ ही उन्हें समय पर सेवा लाभ भी प्रदान किए जाने चाहिए जिससे वे राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित रहें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “प्रधानमन्त्री नरेन्‍द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार कर्मचारियों को प्रेरित करने और सेवाकाल में लंबे समय तक ठहराव की समस्या को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर पदोन्नति दे रही है। सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) और अन्य संवर्गों (ग्रेड्स) में अन्य 2,000 पदोन्नतियां प्रक्रिया में हैं और सम्भावना यह है कि इस वर्ष के अंत तक उन्हें भी पदोन्नत कर दिया जाएगा”।

मंत्री  महोदय ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के मार्गदर्शन में, सरकार ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में लंबित अदालती मामलों, उच्च वेतनमान (ग्रेड) में रिक्तियों की कमी और अन्य कार्मिक मुद्दों के कारण  लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के मुद्दों की समय-समय पर समीक्षा की है।

मंत्री महोदय ने  कहा कि अकेले पिछले वर्ष में ही बड़े पैमाने पर लगभग 9,000 पदोन्नतियां की गईं और उससे पहले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पिछले तीन वर्षों में 4,000 पदोन्नतियां दी थीं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार कुछ संवर्गों और कुछ स्तरों पर लंबे समय तक ऐसे गतिरोध (स्टैगनेशन) को लेकर चिंतित है, जहां प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कुछ कर्मचारी एक भी पदोन्नति प्राप्त किए बिना ही 30 से 35 वर्षों का अपना पूरा सेवा कार्यकाल बिताते हैं। उन्‍होंने कहा कि उन्होंने विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और प्रशासन के मध्य एवं निचले स्तर पर गतिरोध से बचने के लिए कई नवीन उपाय  विकसित किए गए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि बड़ी संख्या में ऐसे मामलों में पदोन्नति में रुकावट पिछली सरकारों द्वारा लिए गए अनुचित निर्णयों के कारण हुई, जो मुकदमेबाजी या बिना बारी पदोन्नति देने के लिए नियमों को तोड़ने-मरोड़ने का परिणाम थी।

मंत्री महोदय ने कहा कि हाल के वर्षों में स्वीकृत की गईं 4,000 पदोन्नतियों में से कुछ में, सरकार ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करके और न्यायिक जांच के लिए वैध प्रावधान बनाकर ऐसे मामले विचाराधीन होने के बावजूद भी पदोन्नति दी है।

केन्द्रीय सचिवालय सेवा संवर्ग (सीएसएस कैडर) से संबंधित इन कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति के आदेश पिछले महीनों डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में कई दौर की उच्च स्तरीय बैठकों के बाद जारी किए गए थे।

इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कि संघ लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के माध्यम से सरकार में अधिक प्रतिभाशाली और कुशल भर्तियां हो रही हैं, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शासन में सुगमता के साथ-साथ पैनल में निष्पक्षता लाने के लिए सरकार ने पिछले नौ वर्षों में प्रक्रियाओं में सुधार किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पदोन्नति करने में किसी भी प्रकार की व्यक्तिपरक प्राथमिकताएँ शामिल न हों।

उन्होंने कहा, “ऑनलाइन डेटाबेस से सरकारी कार्यबल में अधिक जवाबदेही और दक्षता आई है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने केन्द्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) के प्रतिनिधिमंडलों से मिशन कर्मयोगी मंच का उपयोग करके अपने संबंधित संवर्गों (कैडर्स) के प्रशिक्षण के लिए रास्ते खोलने एवं अपने-अपने कार्य के साथ ही सामान्य रूप से समाज में विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए चिंतन शिविर एवं कार्यशालाएं आयोजित करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ” यह सब न केवल जनता के लिए परिणामों की प्रभावपूर्ण ढंग से  समय पर सेवा (डिलीवरी) सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि कर्मचारियों को उनकी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने के लिए भी है।”

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More