लखनऊ: राज्यमंत्री, ग्रामीण विकास, उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि मा० प्रधानमंत्री जी के विजन और लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण विकास मंत्रालय, 5 अन्य मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों के सहयोग से देश में 50,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जाएगा, इस योजना के दूरगामी परिणाम हासिल होंगे। साध्वी निरंजन ज्योति आज योजना भवन लखनऊ में उत्तर प्रदेश के जिला अधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों के साथ इस संबंध में आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, ब्लॉक वाइज व जिले पर इस संबंध में बैठक बुलाएं तथा ब्लॉक वाइज प्रधानों की भी बैठक की जाए और इस योजना को मूर्तरूप दिया जाए, इसमें अधिक से अधिक जनसहभागिता सुनिश्चित किया जाए और पूरी टीम भावना से काम किया जाए। यह अमृत सरोवर तालाब ही नहीं, बल्कि गांव के लिए पानी उपलब्ध कराने तथा पानी की रिचार्जिग के लिए वरदान साबित हों, ऐसे ठोस व प्रभावी प्रयास इस हेतु किए जाय। कहा कि इनको एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया जाए, इनके निर्माण में जो मानक और गाइडलाइंस निर्धारित की गई हैं, उनका भी पालन सुनिश्चित किया जाए। इन तालाबों में गांव के सीवरेज का पानी कतई नहीं जाएगा। कहा कि इनका नामकरण शहीदों के नाम से किया जाएगा तथा यहां पर 15 अगस्त को एक उत्सव जैसे माहौल में झंडारोहण की व्यवस्था की जाएगी। यह आदर्श तालाब के रूप में विकसित होंगे तथा आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरक भी साबित होंगे। कहा कि सभी जिला अधिकारी इस योजना को मूर्त रूप देने में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करें और संबंधित वेबसाइट और ऐप से भी इनकी कार्ययोजना की विधिवत जानकारी हासिल कर ले।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अमृत सरोवर गांवों के लिए वरदान साबित होंगे। अमृत सरोवर बनाना सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है। यह पर्यटन के रूप में भी विकसित होंगे। अमृत सरोवर जल संरक्षण के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होंगे, अमृत सरोवर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा क्षेत्र में बनाए जाएंगे और प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र 75 अमृत सरोवरों का निर्माण होगा। कहा कि इनके निर्माण में जनसहभागिता होना बहुत जरूरी है। स्वाधीनता सेनानियों या उनके पारिवारिक सदस्यों या पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों द्वारा इनकी शुरुआत जाएगी। यह अमृत सरोवर स्विमिंग पूल और पर्यटन के रूप में एक मॉडल बनेंगे। कहा कि इनकी देखभाल के लिए अमृत सखी के रूप में महिला एक महिला को नियुक्त किए जाने का उनका प्रयास रहेगा। अमृत सरोवर के पास चबूतरा, सामुदायिक भवन, वृक्षारोपण, सामुदायिक शौचालय आदि की भी व्यवस्था नियमानुसार किए जाने के निर्देश उप मुख्यमंत्री ने दिये। कहा कि प्रदेश के 80 लोकसभा क्षेत्रों में लगभग 5600 तालाब अमृत सरोवरो का निर्माण किया जाएगा। कहा सभी सम्बंधित अधिकारी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए पूरी क्षमता के साथ ऐसा करके दिखाएं कि उत्तर प्रदेश का नाम देश में इस मामले में सर्वाेपरि रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व की इस योजना को पूरी गतिशीलता के साथ संचालित किया जाना है और 15 अगस्त 2022 तक इसमें काफी अधिक मात्रा में काम पूरा करने के प्रयास किए जाएं। श्री मौर्य ने कहा कि इसकी डीपीआर बनाने में कोई कोताही न बरती जाए। इन सरोवरों को एक स्विमिंग पूल की तरह, इस तरह से विकसित किया जाए कि इसमें लोग तैराकी कर आगे के लिए भी बढ़ सकें। कहा कि इनके निर्माण में जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए और जन आंदोलन के रूप में इस कार्य को किया जाए। उन्होंने कहा कि सरोवरों की देखभाल के लिए अमृत सखी के रूप में एक महिला की तैनाती करने का भी प्रयास किया जाए ताकि उसे रोजगार भी मिल सके और देखभाल भी हो सके। उन्होंने कहा विकास कार्यों को तीव्र गति से किया जाए। यह अमृत सरोवर ऐसे बनाए जाने कि बहुउपयोगी सिद्ध हों। यहां पर बड़ा चबूतरा बनाया जाये, बड़ा बोर्ड लगाया जाए यहां पर सामुदायिक भवन व शौचालय बनाने के प्रयास किए जाएं ताकि गांव में बारात को ठहराने आदि के लिए भी उपयोगी सिद्ध हों। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिकारी पूरी तत्परता से काम करते हुए इसे समय से पूरा करेंगे। कहा कि इन सरोवरों के पास पीपल, नीम, बरगद, जामुन आदि के पेड़ लगाए जाएं। इन तालाबों से जो मिट्टी निकलेगी, उसका उपयोग ग्राम पंचायत कर सकेगी। सबसे पहले इसकी कार्य योजना ग्राम स्तर से तैयार होगी। इसकी हर स्तर पर गहन मानिटरिंग की जाए तथा काम शुरू होने, काम के दौरान व काम की समाप्ति की सभी फोटोग्राफ्स, वहां पर डिस्प्ले किए जाएंगे। अधिकारी वर्क साइट पर हर हाल में जाएंगे। पीने के पानी के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग के लिए इन सरोवरों को उपयोगी बनाया जाए। कहा कि अमृत सरोवरो के डॉक्यूमेंटेशन का कार्य बहुत ही अच्छी तरीके से किया जाए। इसका डॉक्यूमेंटेशन राष्ट्र, राज्य और जिला स्तर के साथ-साथ ब्लॉक स्तर पर भी करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अमृत सरोवरों के साइट सेलेक्शन में दिशा निर्देशों और व्यवहारिक पहलुओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
श्री मौर्य ने कहा कि इन सरोवरों तक लोगों के जाने के लिए लिंक मार्ग की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके निर्माण में एक-एक पैसे का सदुपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके निर्माण के लिए लक्ष्य लेकर चलें कि 15 अगस्त 2022 को यहां पर ध्वजारोहण हो। वैसे तो इस योजना को 15 अगस्त 2023 तक हर हाल में पूरा करना है, लेकिन 15 अगस्त 2022 तक इसमें अधिक से अधिक काम करने का प्रयास किया जाए। यहां पर सुंदरीकरण के लिए भी निधियों की व्यवस्था करने का भी संपूर्ण प्रयास किया जाए। यह एक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हों। परियोजना बनाते समय गांव की व्यवहारिक समस्याओं को भी देखना है। कहा कि प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप इनको स्वरूप देना है। अमृत सरोवर मिशन के तहत तालाबों का आकार 1 एकड़ होगा। मनरेगा, पंचायती राज, नमामि गंगे, राजस्व, लघु सिंचाई, वन पर्यावरण, कल्चरल डिपार्टमेंट आदि की भी अमृत सरोवरो को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। एक तालाब में 10000 क्यूबिक मीटर जल धारण क्षमता होगी। साइट का सिलेक्शन कैसे होगा, इस बारे में निर्धारित दिशा निर्देशों व ग्राउंड रियलिटी देखकर चयन किया जाएगा। इस तालाबों की शुरुआत फ्रीडम फाइटर्स या उनके परिवार के सदस्यों अथवा पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों के हाथों से की जाएगी। इनके बनाने में लोग श्रमदान भी कर सकते हैं। सरोवरों के निर्माण के बाद पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं राजस्व श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण के संबंध में स्टेट से जारी होने वाले दिशा निर्देशों को जल्दी ही जिलों को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा सभी दिशा निर्देशों और सम्बंधित वेबसाइट का अध्ययन सभी जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी पूरी गंभीरता से कर लें। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक श्री धर्मवीर झां ने अमृत सरोवरों के निर्माण के बारे में जारी दिशा-निर्देशों की बिंदुवार जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यमंत्री, ग्रामीण विकास व ग्रामीण अभियंत्रण, श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विकास संस्थान के महानिदेशक श्री एल0 वेंकटेश्वर लू, मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन श्री भानुचंद्र गोस्वामी, अपर आयुक्त मनरेगा श्री योगेश कुमार, संयुक्त आयुक्त ग्राम्य विकास श्री राजेश कुमार सहित ग्राम्य विकास विभाग के उच्च अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।