लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप विगत वर्षों में बैंको द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों को बढ़-चढ़कर ऋण प्रदान किया गया है। वर्ष 2016-17 में जहां 28,136 करोड़ रुपये का ऋण वितरण एमएसएमई इकाइयों को किया गया, वहीं वर्ष 2020-21 में 73,765 करोड़ रुपये का ऋण वितरण हुआ है, जो विगत 04 वर्षों में ढाई गुना से अधिक है। साथ ही इस अवधि में लगभग 2.6 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक कुल 249248 करोड़ रुपये का ऋण एमएसएमई क्षेत्र के लिए दिया गया है, जिससे पिछले चार साल में लगभग 05 लाख करोड़ रुपये का निवेश है। इसमें ऋण प्राप्त करने वाले उद्यमियों का हिस्सा शामिल है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में 46,594 करोड़ रुपये, वर्ष 2018-19 में 57,809 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 71,080 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 73,765 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। वर्ष 2020-21 की अधिकांश अविध मंे लॉकडाउन लागू होने के पश्चात भी ऋण वितरण में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि विगत चार वर्षों में प्रदेश में 74 लाख नई इकाइयां स्थापित हुई हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वर्ष 2020-21 में विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों द्वारा 34,80,596 नई एमएसएमई इकाइयों को ऋण दिया गया है, जिसके माध्यम से लगभग 63 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए। इस प्रकार विगत चार वर्षों में लगभग 80 लाख एमएसएमई इकाइयों को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विकट स्थिति में थी एमएसएमई क्षेत्र में ग्रोथ मोमेंटम बनाये रखते हुए पांच वर्चुअल लोन वितरण मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 6,78,626 लाभार्थियों को 33,338 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किये गये।