लखनऊ: भारत सरकार द्वारा कराये गये स्वच्छ सर्वेक्षण (ग्रामीण) 2018 के आधार पर उत्तर प्रदेश राज्य को सर्वश्रेष्ठ जन सहभागीदारी एवं फीडबैक हेतु मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार विगत 02 अक्टूबर, 2018 को राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह में पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज विभाग श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी को प्रदान किया गया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव श्री एन्टोनियो गुटैरस, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती तथा संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा सहित कई केन्द्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी तथा लगभग 80 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
यह जानकारी पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार को पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज द्वारा आज मा0 मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से जुड़े समस्त अधिकारियों तथा प्रदेश की जनता को बधाई दी तथा आवाहन किया कि प्रदेश को यथाशीघ्र खुले में शौच से मुक्त कर देश के सबसे स्वच्छ एवं सुन्दर प्रदेश के रूप में विकसित किया जाये।
श्री चैधरी ने बताया कि 02 अक्टूबर 2014 को मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा लाल किले से देश में स्वच्छता की मुहिम चलाने का आह्वाहन किया गया एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के माध्यम से देश को 02 अक्टूबर 2019 तक खुले मे शौच से मुक्त बनाये जाने का निर्णय लिया गया। योजना के आरम्भ में प्रदेश का आच्छादन मात्र 33.75 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि मार्च 2017 तक इस योजना के अन्तर्गत कुल 29,35,834 शौचालयों का निर्माण कराकर आच्छादन 43.6 प्रतिशत था। वर्तमान सरकार के गठन के बाद मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश को राष्ट्रीय लक्ष्य से पूर्व ही खुले में शौचमुक्त करने का निर्णय लिया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में राज्य स्वच्छता मिशन द्वारा एक व्यापक रणनीति तैयार की गई। इस रणनीति के केन्द्र में ग्रामीण समुदाय के व्यवहार परिवर्तन को रखते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को एक जन आन्दोलन के रूप में लागू किया गया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में लगभग 500 प्रशिक्षणों का आयोजन कर 60,000 स्वच्छाग्रहियो की फौज तैयार की गई और उन्हें ग्रामो का स्वामित्व प्रदान करते हुए समुदाय के व्यवहार परिवर्तन हेतु तैनात किया गया। साथ ही साथ व्यवहार परिवर्तन के लिए बड़े पैमान पर आइ.ई.सी. गतिविधियां संचालित की गई, जिसमें एलइडी वैन, नुक्कड़ नाटक, घर-घर सम्पर्क, वाल राइटिंग व होर्डिंग इत्यादि सम्मिलित थी। उन्होंने बताया कि इस जागरूकता अभियान के दोैरान शौचालय निर्माण की मांग सृृजित की गई व ग्रामीणेां को भारत सरकार द्वारा प्राविधानित 02 सोख्ता गढ्ढे वाले शौचालयों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया गया। प्रदेश में शौचालय निर्माण के बड़े लक्ष्य को समय से प्राप्त करने हेतु तथा तकनीकी रूप से सही व गुणवत्तायुक्त शौचालय निर्माण हेतु प्रदेश में 02 लाख से अधिक मिस्त्रियों को शौचालय निर्माण में प्रशिक्षित किया गया व उन्हें शौचालय निर्माण के काम में लगाया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री आर0के0 तिवारी ने बताया कि अप्रैल 2017 से अब तक 1 करोड़ 41 लाख शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। इस प्रकार जहां मार्च 2017 में शौचालय आच्छादन 43.6 प्रतिशत था, वहीं दिनांक 04 अक्टूबर 2018 तक शौचालय आच्छादन 99.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 94.69 प्रतिशत से भी अधिक है। इसी प्रकार मार्च 2017 तक कुल 5918 ग्राम तथा 01 जनपद खुले में शौचमुक्त हुए थे वही 4 अक्टूबर 2018 तक 30 जनपद व 82863 ग्राम खुले में शौचमुक्त हो चुके है तथा प्रदेश को अगले तीन माह में खुले मे शौचमुक्त करने के प्रयास किये जा रहे हेै।
श्री तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश द्वारा किये गये प्रयासों को 29 सितम्बर 2018 से 02 अक्टूबर 2018 तक चले महात्मा गांधी इन्टरनेशनल स्वच्छता कन्वेंशन में भी सराहा गया है।
इस अवसर पर निदेशक सूचना डा0 उज्ज्वल कुमार, निदेशक पंचायतीराज श्री मासूम अली सरवर, उप निदेशक पंचायत श्री योगेन्द्र कटियार, स्टेट कन्सलटेन्ट श्री संजय चैहान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।