नई दिल्ली: रेल मंत्रालय और क्षेत्रीय रेलों द्वारा विभिन्न ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों को अपनाने और अन्य ऊर्जा संरक्षण प्रयासों के कारण इस वर्ष भारतीय रेलवे ने 27 राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) प्राप्त किये हैं, जो रेलवे द्वारा जीते गये सर्वाधिक पुरस्कार है। ये पुरस्कार हर वर्ष भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तत्वावधान में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा जनता को ऊर्जा की महत्ता के बारे में जागरूक करने के लिए ऊर्जा दक्षता उपकरणों और प्रणालियों का उपयोग करने और विभिन्न ऊर्जा गहन क्षेत्रों का संरक्षण करने के बारे में प्रदान किये जाते है। इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त 921 आवेदनों में से चयन 156 विजेताओं का चयन किया गया था।
ये पुरस्कार रेलवे, अस्पतालों, कार्यालय भवनों, उद्योग, बिजली, संयंत्र आदि जैसी 22 प्रमुख श्रेणियों में प्रदान किये जाते हैं, इन श्रेणियों में बड़े और मध्यम स्तर के उद्योगों के 53 विभिन्न उपक्षेत्र शामिल हैं। इनका चयन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अधीन पुरस्कार मूल्यांकन समिति (बीईई) की सिफारिशों के आधार पर विशिष्ट ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण की पहलों के आधार पर किया जाता है। भारतीय रेलवे को राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियां माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु के मार्गदर्शन और निर्देशों के फलस्वरूप अर्जित हुई हैं। उन्होंने एक मुख्य क्षेत्र के रूप में ऊर्जा संरक्षण उपायों की पहचान की, जो शीर्ष स्तर से दिशा-निर्देशों के माध्यम से ऐसे उपायों को लागू करने में महत्वपूर्ण रहें।
रेल मंत्रालय के विद्युत ऊर्जा प्रबंधन निदेशालय ने ऊर्जा तीव्रता और बिजली की खपत को कम करने के लिए क्षेत्रीय रेलों द्वारा लागू करने के लिए अनेक नीतियां तैयार की। इनमें कुछ नीतियां इस प्रकार है :-
- सभी रेलवे इमारतों और प्रतिष्ठानों पर 100% एलईडी रोशनी की स्थापना।
- 3 चरण ऊर्जा दक्षता इंजनों का उपयोग करना।
- नए रेलवे स्टेशनों के लिए नेट शून्य ऊर्जा भवन की अवधारणा
- रेलवे अनुप्रयोगों में बीईई स्टार युक्त उपकरणों का उपयोग
- ऊर्जा की खपत पैटर्न का पता लगाने के लिए मांग प्रोफाइल और वास्तविक स्तर पर उपयोग के मूल्यांकन के लिए बड़े लोड केन्द्रों की ऊर्जा आडिट,
- रेलवे की ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के सहयोग से रेलवे मेंऊर्जा दक्षता से संबंधित कार्यों को लागू करना।
भारतीय रेलवे के इन प्रयासों के फलस्वरूप कर्षण क्षेत्र में (यानि कर्षण खपत का 1.5%) 202 मिलियन यूनिट बिजली की बचत हुई और गैर-कर्षण क्षेत्र (जो गैर-कर्षण खपत का 1.8% है) में 45 मिलियन यूनिट बिजली की भी बचत हुई। ऐसा नई सुविधाओं में जुड़ाव लोड में 12 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद हुआ। रेलवे के इस प्रयास से लगभग 40 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता की बचत हुई।
सभी क्षेत्रीय रेलवे में दक्षिण मध्य रेलवे ने सबसे अधिक नौ पुरस्कार प्राप्त किये। उसे सभी रेलवे क्षेत्रों में पहला पुरस्कार मिलने के अलावा रेलवे कार्यशालाएं और कार्यालय इमारत (अधिक से अधिक 10 लाख किलोवाट घंटा यूनिट/वर्ष) क्षेत्र में भी पुरस्कार मिले हैं। दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा युद्ध स्तर पर विभिन्न ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा संरक्षण के उपायों को लागू करने से यह संभव हुआ है।
एनईसीए-2016 के अधीन भारतीय रेलवे को जो 27 पुरस्कार मिलें है, उनका श्रेणी वार वितरण इस प्रकार है: क्षेत्रीय रेल-4, रेलवे स्टेशन-8, रेलवे कार्यशाला-3, और जनरल श्रेणियों अर्थात, कार्यालय भवन, संस्थान भवन और अस्पताल-12 ।