नई दिल्ली: भारतीय खाद्य निगम की 28 जून, 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई के पास वर्तमान में 266.29 एलएमटी चावल और 550.31 एलएमटी गेहूं का स्टॉक है। अत: कुल 816.60 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) खाद्यान्न का स्टॉक उपलब्ध है (गेहूं और धान की मौजूदा खरीद को छोड़कर, जो अभी तक गोदाम तक नहीं पहुंचे हैं)। एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रत्येक महीने लगभग 55 एलएमटी खाद्यान्न की आवश्यकता होती है।
लॉकडाउन से लेकर अब तक लगभग 138.43 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव होने के साथ-साथ 4944 रेल रेक के माध्यम से इनकी ढुलाई हो चुकी है। रेल मार्ग के अलावा सड़कों और जलमार्गों से भी ढुलाई की गई। कुल 277.73 लाख मीट्रिक टन की ढुलाई की गई है। 14 जहाजों के माध्यम से 21,724 एमटी अनाज की ढुलाई की गई। कुल 13.47 एलएमटी खाद्यान्न की ढुलाई पूर्वोत्तर राज्यों में की गई है।
प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न वितरण: (आत्मनिर्भर भारत पैकेज):
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों, विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए और जरूरतमंद परिवारों को 8 एलएमटी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्डों के अंतर्गत नहीं आते हैं। प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न मई और जून माह के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त में वितरित किया जा रहा है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 6.39 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कुल 209.96 लाख (मई में 120.08 लाख और जून में 89.88 लाख) लाभार्थियों के बीच 99,207 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया है।
भारत सरकार ने 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39,000 मीट्रिक टन दालों को भी मंजूरी दी। ऐसे 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों, विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए और जरूरतमंद परिवारों को मई एवं जून माह के लिए प्रति परिवार 1 किलो चना/दाल मुफ्त में दी जाएगी जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्डों के अंतर्गत नहीं आते हैं। चना/दाल का यह आवंटन राज्यों की आवश्यकता के अनुसार किया जा रहा है। लगभग 33,968 मीट्रिक टन चना/दाल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भेज दी गई है। कुल 31,868 मीट्रिक टन चने का उठाव विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया गया है। 4,702 मीट्रिक टन चने का वितरण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया गया है। भारत सरकार इस योजना के तहत खाद्यान्न के लिए लगभग 3,109 करोड़ रुपये और चने के लिए 280 करोड़ रुपये का शत-प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना:
खाद्यान्न (चावल/गेहूं)
‘पीएमजीकेएवाई’ के तहत, अप्रैल-जून के 3 महीनों के लिए कुल 104.3 एलएमटी चावल और 15.2 एलएमटी गेहूं की आवश्यकता है, जिसमें से 101.02 एलएमटी चावल और 15.00 एलएमटी गेहूं का उठाव विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया गया है। कुल 116.02 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव किया गया है। अप्रैल 2020 में 37.02 एलएमटी (93%) खाद्यान्न 74.05 करोड़ लाभार्थियों के बीच वितरित किया गया है, मई 2020 में कुल 36.49 एलएमटी (91%) खाद्यान्न 72.99 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया और जून 2020 में 28.41 एलएमटी (71%) खाद्यान्न 56.81 करोड़ लाभार्थियों के बीच वितरित किया गया है। भारत सरकार इस योजना के तहत लगभग 46,000 करोड़ रुपये का 100% वित्तीय भार वहन कर रही है। गेहूं 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों यथा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली एवं गुजरात को आवंटित किया गया है और चावल शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान किया गया है।
दालें
दालों के संबंध में तीन महीनों के लिए कुल आवश्यकता 5.87 एलएमटी की है। भारत सरकार इस योजना के तहत लगभग 5,000 करोड़ रुपये का 100% वित्तीय भार वहन कर रही है। अब तक 5.79 एलएमटी दालों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भेज दिया गया है और 5.58 एलएमटी दालें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंच गई हैं, जबकि 4.40 एलएमटी दालों का वितरण किया जा चुका है। कुल 08.76 एलएमटी दालें (तूर- 3.77 एलएमटी, मूंग-1.14 एलएमटी, उड़द-2.28 एलएमटी, चना-1.30 एलएमटी और मसूर-0.27 एलएमटी) 18 जून 2020 तक स्टॉक में उपलब्ध हैं।
खाद्यान्न की खरीद:
28 जून 2020 तक कुल 388.34 एलएमटी गेहूं (आरएमएस 2020-21) और 745.66 एलएमटी चावल (केएमएस 2019-20) की खरीद की गई।
खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस):
ओएमएसएस के तहत, चावल की दरें 22 रुपये/किलोग्राम और गेहूं की दरें 21 रुपये/किलोग्राम निर्धारित की गई हैं। एफसीआई ने लॉकडाउन अवधि के दौरान ओएमएसएस के माध्यम से 5.71 एलएमटी गेहूं और 10.07 एलएमटी चावल की बिक्री की है।
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड:
01 जून 2020 तक, ‘एक राष्ट्र एक कार्ड’ योजना 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, यथा आंध्र प्रदेश, बिहार, दमन और दीव (दादरा और नगर हवेली), गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा में अमल में ला दी गई है। 31 मार्च 2021 तक सभी शेष राज्यों को ‘एक राष्ट्र एक कार्ड’ योजना से जोड़ दिया जाएगा और इसके साथ ही यह योजना पूरे भारत में अमल में आ जाएगी। ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ के तहत शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में योजना का विवरण और स्थिति निम्नानुसार है:
क्र.सं. | राज्य | ईपीओएस का % | राशन कार्डों को ‘आधार’ से जोड़ना (%) | योजना से जुड़ने की अनुमानित तिथि |
1 | छत्तीसगढ़ | 98% | 98% | 1 अगस्त 2020 |
2 | अंडमान और निकोबार | 96% | 98% | 1 अगस्त 2020 |
3 | मणिपुर | 61% | 83% | 1 अगस्त 2020 |
4 | नगालैंड | 96% | 73% | 1 अगस्त 2020 |
5 | जम्मू और कश्मीर | 99% | 100% | योजना 1 अगस्त 2020 को कुछ जिलों में और 1 नवंबर, 2020 से शेष जिलों में लागू की जाएगी |
6 | उत्तराखंड | 77% | 95% | 1सितंबर 2020 |
7 | तमिलनाडु | 100% | 100% | 1 अक्टूबर 2020 |
8 | लद्दाख | 100% | 91% | 1अक्टूबर 2020 |
9 | दिल्ली | 0% | 100% | 1 अक्टूबर 2020 |
10 | मेघालय | 0% | 1% | 1 दिसंबर 2020 |
11 | पश्चिम बंगाल | 96% | 80% | 1 जनवरी 2021 |
12 | अरुणाचल प्रदेश | 1% | 57% | 1 जनवरी 2021 |
13 | असम | 0% | 0% | |
14 | लक्षद्वीप | 100% | 100% | |
15 | पुडुचेरी | 0% | 100%(डीबीटी) | डीबीटी |
16 | चंडीगढ़ | 0% | 99%(डीबीटी) | डीबीटी |