देहरादून: कर्मचारियों के मामलों पर परामर्श करने के लिए राज्य स्तर व विभागीय स्तर पर परामर्शदायी समिति गठित की जाएंगी। 7 वें वेतन आयोग की लिए तैयारियों हेतु एक समिति बना दी गई है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि
विभिन्न संवर्गों में संर्घष की स्थिति न हो। सोमवार को नगर निगम सभागार में उत्तराखण्ड मातृ-शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एएनएम संवर्ग की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। पूर्व में विभिन्न बिंदुओं पर हुई सहमति के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आर्थिक विकास की दर के हिसाब से उत्तराखण्ड पहली पंक्ति के राज्यों में है। परंतु इस विकास का लाभ दूरवर्ती क्षेत्रों की जनता तक पहुंचाना होगा। इसमें हमारी एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इनकी व्यावहारिक समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम अनेक एएनएम सेंटर स्थापित करने जा रहे हैं। कार्यक्रम में मांग पत्र के विभिन्न बिंदुओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विभाग की सेवा नियमावली 4 माह में तैयार कर दी जाएगी। इससे प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे। पुरूष संवर्ग के मृत किए गए पदों को पुनः जीवित कर इन पर महिला कर्मियों को समायोजित करनेे व एएनएम का गे्रडपे कम हो जाने के मामले पर जल्द ही बैठक बुलाकर समुचित कार्यवाही की जाएगी।
कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष प्रह्लाद ठाकुर, उत्तराखण्ड मातृ-शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ की अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुशीला बलूनी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।