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शाकाहार सदाचार की जननी: संत उमाकांत

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: दिवसीय महायोग शिव दर्शन शिवरात्रि सत्संग समारोह में सत्संग सुनाते हुए संत उमाकांत जी महाराज ने कहा की यह मानव तन बेश कीमती अमूल्य है इस मनुष्य शरीर को पाने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं ऐसे तन को पाने के बाद मनुष्य को अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए प्रभु प्राप्ति के लिए किसी त्रिकालदर्शी तत्वदर्शी संत महात्मा की खोज करनी चाहिए उनसे रास्ता लेकर भगवान का भजन खुदा की इबादत करके जीते जी मनुष्य शरीर में मुक्ति, मोक्ष की प्राप्ति करनी चाहिए।जिससे मानव तन को सफल बनाना चाहिए।
आगे महाराज जी ने शाकाहार पर जोर देते हुए कहा की मांसाहार से ऐसी बड़ी बड़ी बीमारियां लोगों में हो गई हैं जिनका इलाज डॉक्टरों के पास नहीं है। आगे उन्होंने कहा की अपराधों की जननी शराब को छोड़ देना चाहिए ज्यादातर अपराध शराब पीने के बाद ही होते हैं मनुष्य को कोई भी ऐसे बुद्धि नाशक नशे का सेवन नहीं करना चाहिए जिसके पीने – खाने के बाद मां बहन की पहचान खत्म हो जाए।
महाराज जी ने कहा की आगे का समय बहुत ही खराब है, कुदरत सख्त नाराज है सजा देने जा रही है। खराब समय से बचने के लिए आप लोग शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त हो जाएं जिससे आप की बचत हो सके मुसीबत के समय जयगुरुदेव नाम बोलने से राहत मिलेगी।
सत्संग समारोह में बाबा जयगुरुदेव संगत के प्रदेश अध्यक्ष सत्यदेव पाठक, नवल किशोर पाण्डेय, बागेश्वर दुवेदी, सुभाष चंद गुप्ता, बलवंत सिंह ,नागेश्वर दुवेदी, राज प्रताप त्रिपाठी , अनिल त्रिपाठी,ललित शुक्ला ,रामनरेश मौर्य, बृजेश कुमार ,शशिकांत सिंह ,कमलेश तिवारी, सत्य प्रकाश शुक्ल दाशिव शुक्ला, राम शंकर पाल ,नितिन सोनकर, सहित लाखों लोग उपस्थित हुए

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