रतलाम: सबसे बड़े विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर शुक्रवार को आग लगने से शहीद हुए नौसेना के अधिकारी धर्मेंद्र सिंह चौहान की पार्थिव देह उनके घर पहुंची।
बॉक्स में रखी शहीद धर्मेंद्र की देह को देख उनकी मां ने सेल्यूट करते हुए कहा- मेरा हीरो आ गया। यह देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। शहीद को अंतिम विदाई देने पूरा रतलाम उमड़ पड़ा। जहां से भी अंतिम यात्रा निकली वहां लोगों ने भारत माता की जय के नारों से धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी।
आईएनएस विक्रमादित्य में आग उस वक्त लगी, जब यह कर्नाटक के कारवाड़ बंदरगाह पहुंच रहा था। पोत के चालक दल ने उसकी लड़ाकू क्षमता को प्रभावित करने वाली किसी भी गंभीर क्षति को रोकने के लिए कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। धर्मेंद्र ने मशीनरी कंपार्टमेंट को बचाने के लिए जीवन का बलिदान दे दिया। उनके साहसी प्रयास ने आग को फैलने से रोका तथा युद्धपोत की युद्धक क्षमता को कम नहीं होने दिया। Source UPUK live