लखनऊः साहस व शौर्य की गाथाओं से परिपूर्ण राष्ट्रसेवा को समर्पित हीरकोत्तर जयंती मना रही भारतीय सेना की महार रेजिमेन्ट का दल 01 अगस्त 2016 को चुनौतीपूर्ण माउंट काॅमेट पर्वतारोहण अभियान के लिए रवाना हो गया।
पर्वतारोहियों के लिए रोमांचक व जोखिम भरी देष की तीसरी सबसे ऊँची चोटी माउंट काॅमेट पर चढ़ाई के लिए इस दल में महार रेजिमेन्ट की सभी बटालियन के पर्वतारोही शामिल है। भारत-चीन सीमा पर अवस्थित यह चोटी कड़ाके की सर्दी, बर्फीली हवाओं और पथरीली भूमि के कारण अत्यधिक खतरनाक मानी जाती है। दल को अभियान की सफलता का पूरा भरोसा है और इसी के तहत् पिछले 18 माह से अभियान की तैयारी मंे जुटे दल के सदस्यों ने भारतीय सेना के कई संयुक्त साहसिक अभियानों में हिस्सा लिया।
एक भव्य समारोह में मध्य कमान के जनरल आॅफिसर कमांडिग ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी, यु वाई एस एम, वाई एस एम, एस एम, वी एस एम’’, पी एच डी ने राश्ट्रध्वज्, सेनाध्वज्, और रेजिमेन्ट ध्वज् के साथ पारम्परिक आइस एक्स दल को सौंपते हुए झंड़ी दिखाकर अभियान को रवाना किया। इस अवसर पर महार रेजिमेन्ट के पूर्व कर्नल आॅफ दी रेजिमेन्ट ले. जनरल ज्ञान भूषण, पी वी एस एम, यु वाई एस एम, ए वी एस एम, वी एस एम, ए डी सी (सेवानिवृत्त), वर्तमान कर्नल आॅफ दी रेजिमेन्ट मेजर जनरल मनोज ओक, वी एस एम तथा कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। जनरल नेगी ने अभियान को सफल कर भारतीय सेना की पारम्परिक श्रेष्ठता को प्रमाणित करने के लिए सैनिकों को प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने हिमालय के उस क्षेत्र में पारिस्थितिक तंत्र की जटिलता और संवेदनशीलता के प्रति आगाह करते हुए टीम के सदस्यों को अभियान के दौरान पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी।