नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 7 सितम्बर को विज्ञान भवन में भारत के पहले ग्लोबल मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ का उद्घाटन करेंगे। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन राजधानी के विज्ञान भवन में नीति आयोग ने किया है। शिखर सम्मेलन में मोबिलिटी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता पैदा करने और विभिन्न मंचों पर मोबिलिटी बढ़ाने में लगे विभिन्न साझेदारों को एक जगह पर लाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न अंतर सरकारीय संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, भारत और विदेश के नीति विचारक, ओईएम जैसे मोबिलिटी क्षेत्र के वैश्विक नेता, बैटरी निर्माता, चार्जिंग संरचना प्रदाता, प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाता मोबिलिटी बढ़ाने के बारे में अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने आज शिखर सम्मेलन से पूर्व एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और भारी उद्योग विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि मोबिलिटी क्षेत्र के विस्तार के साथ ही, हम अधिक रोजगार सृजित करने और भारत के नागरिकों के जीवन की सुगमता को बढ़ाने में सक्षम होंगे। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि ग्लोबल मोबिलिटी शिखर सम्मेलन के जरिए हमारा मुख्य उद्देश्य मोबिलिटी को साझा करने और उसे निर्बाध आगे बढ़ाने के साथ ही भारत में लोगों के यात्रा के तरीके में आमूल परिवर्तन लाना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री युद्धवीर मलिक ने कहा कि हम सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ ही भारत में सड़क के मौजूदा स्थान के अधिकतम इस्तेमाल की भविष्य में किस प्रकार से कल्पना कर सकते हैं। ऊर्जा सचिव अजय कुमार भल्ला ने चार्जिंग संरचना को प्रोत्साहित करने की पहल की चर्चा की और भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक कदमों पर प्रकाश डाला। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी ने जोर देकर कहा कि साइबर सुरक्षा और कुशल परिवहन प्रणाली का विकास भारत में बिजली चलित मोबिलिटी का प्रमुख घटक होगा।
ग्लोबल मोबिलिटी शिखर सम्मेलन अपनी तरह का पहला शिखर सम्मेलन है जिसमें सरकारों, उद्योग, अनुसंधान संगठनों, शिक्षाविद, विचारों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों सहित दुनिया भर से 2200 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में विभिन्न साझेदारों के बीच बैठक के साथ सलाह-मशविरा, डिजिटल प्रदर्शनी और मोबिलिटी सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।
राज्य और क्षेत्रीय विचार-विमर्श
सम्मेलन से पूर्व के महीनों में राज्यों में नीति आयोग के दलों, राज्य कार्य बलों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। राज्यों से जुड़े विशेष मुद्दों पर इस सम्मेलन में विचार किया जायेगा ताकि भविष्य के लिए एक संयुक्त, तर्कसंगत, लक्ष्य साधने वाली विस्तृत मोबिलिटी कार्य सूची तैयार की जा सके। राज्यों की रणनीतियों के सार-संग्रह, एक संक्षिप्त विवरण और सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कार्य प्रणाली के बारे में विस्तृत विवरण 7 सितम्बर को जारी किया जाएगा।
अन्य विचार-विमर्श
दुनिया भर के भागीदारों ने 30 जुलाई से 3 अगस्त के बीच 15 वेबिनार (इंटरनेट के बारे में सेमिनार) में हिस्सा लिया। इसके अलावा मूवहैक, ग्लोबल हैकाथन में मोबिलिटी समस्याओं के कोडिंग समाधान के लिए दुनिया भर से करीब 35,000 पंजीकरण कराए गए। इससे वाहनों के विद्युतीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और नौकरियों में वृद्धि के सरकार के लक्ष्य को आगे बढ़ाने तथा भारत को स्वच्छ ऊर्जा वाली अर्थव्यवस्था में बदलने के कार्य में तेजी आएगी।
विशेष कार्यक्रम : मोबिलिटी सप्ताह
मोबिलिटी सप्ताह के दौरान 25 से अधिक संगठनों की साझेदारी से 18 विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसकी सामूहिक पहुंच 20,000 लोगों तक होगी। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन समारोह के अवसर पर पिच टू मूव और मूवहैक के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
डिजिटल प्रदर्शनी : मूवमेंटम 2018
महिन्द्रा इलेक्ट्रिक, हीरो साइकिल, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, ओला, मारुति सुजुकी, होंडा, टोयोटा, बौश, सन मोबिलिटी सहित अन्य भागीदारों के साथ डिजिटल प्रदर्शनी में मॉडलों, स्क्रीन, वाहनों और मोबिलिटी प्रौद्योगिकी की अग्रणीय अवस्था के बारे में जानकारी दी जाएगी।
सत्र और वक्ता
प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र में 11 वैश्विक सीईओ अपनी बात रखेंगे और 12 प्रमुख सीईओ विचार-विमर्श में शामिल होंगे। विभिन्न सत्रों में भाग लेने वाले मंत्रियों में सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल, विधि और न्याय तथा इलेक्ट्रिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी और नागर विमानन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा शामिल हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फणनवीस, दिल्ली के उप-राज्यपाल श्री अनिल बैजल शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन एकत्र प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
विषय क्षेत्र संबंधी सत्रों का विवरण इस प्रकार है:
1. परिसम्पत्ति का अधिकतम उपयोग
परिसम्पत्तियों का इस्तेमाल और सेवाओं में यात्रियों और सामान को लाने ले जाने के लिए संरचना और वाहनों की तेजी से उपयोगिता बढ़ाने के लिए सहभाजी मोबिलिटी, सेवा प्रावधान और मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के इस्तेमाल पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
2. विस्तृत विद्युतीकरण और वैकल्पिक ईंधन
इसमें विस्तृत विद्युतीकरण और ऊर्जा सुरक्षा पर वर्तमान सार्वजनिक संवाद को आगे ले जाया जाएगा जिसमें परिवहन की ऊर्जा जरूरतों के बदलते गति विज्ञान के बारे में चर्चा होगी और आपूर्ति श्रृंखला, खनन और निर्माण, घटनाक्रम, अनुसंधान प्राथमिकताओं और नीति संबंधी अवसरों सहित पर्यावरण प्रणाली पर राय लेते हुए इलेक्ट्रिक और ऊर्जा के अन्य नए समाधानों की व्यवहार्यता का पता लगाया जाएगा।
3. सार्वजनिक परिवहन में परिवर्तन के साथ नयापन लाना
सार्वजनिक परिवहन में परिवर्तन के साथ नयापन लाने के सत्र में ऐसी उभरती हुई अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी एप्लीकेशन के बारे में मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी जिससे सार्वजनिक आवागमन के लिए उपयुक्त समाधान निकल सकेगा। इसमें पारगमन योजना, अंतर मॉडल संपर्क और निजी क्षेत्र के अविष्कारों से मिली सीख शामिल है।
4. वस्तु परिवहन और प्रचालन तंत्र
वस्तुओं को लाने ले जाने की क्षमता बढ़ाने से कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए व्यवसाय करने के खर्च को कम किया जा सकता है।
5. डेटा विश्लेषण और मोबिलिटी
मोबिलिटी में बड़े पैमाने पर तैयार डेटा जो सार्वजनिक आवागमन के इस्तेमाल, मोबाइल फोन के इस्तेमाल, नौ परिवहन प्रणाली, संबद्ध उपकरणों, स्वतंत्र वाहनों से जुड़े हैं वह निर्णय लेने की प्रक्रिया और नवोन्मेष में सुधार लाने की अपार संभावनाओं को दर्शाते हैं। आंकड़ों की मात्रा बढ़ने से सूचना के स्वामित्व अधिकार, आंकड़ों को साझा करने और साइबर सुरक्षा के बारे में नए सवाल खड़े हो गए हैं। इस सत्र में आंकड़े तैयार करने, उनके इस्तेमाल और संभावना तथा उससे जुड़े नवोन्मेष के बारे में विचार किया जाएगा ताकि अविष्कारकों, उपयोगकर्ताओं और अन्य साझेदारों के लिए बेहतर नतीजे निकल सकें।
सहभागी :
इस कार्यक्रम में 30 से अधिक ग्लोबल सीईओ, 100 से अधिक राज्य के अधिकारी, 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि और 200 से अधिक भारतीय सीईओ हिस्सा लेंगे। दूतावासों के अंतर्राष्ट्रीय और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों में अमेरिका, जापान, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, ब्राजील और अन्य शामिल हैं।
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