देहरादून: मनरेगा में मजदूरी की दर सभी राज्यों मे प्रचलित कृषि मजदूरी दर के समान की जाएगी। उत्तराखण्ड सहित अनेक राज्यों द्वारा मनरेगा के तहत मजदूरी की दर को
बढ़ाए जाने की मांग पर भारत सरकार द्वारा गठित समिति ने मनरेगा में मजदूरी की दर को राज्य की कृषि मजदूरी दर के समान किए जाने की संस्तुति की है। केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्री चैधरी विरेंद्र सिंह ने देहरादून में सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मनरेगा में मजदूरी की दर को कृषि मजदूरी के समान करने के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बैठक के बाद उनके द्वारा अभी तक 18 राज्यों में सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा की जा चुकी है। उत्तराखण्ड में इसके तहत योजनाओं के कन्वर्जेंस की स्थिति बहुत बेहतर रही है। हालांकि कई राज्यों में इसकी कमी रही है। इस योजना में उद्योगों के कापरेटिव सोशियल रेस्पोंसिबिलिटी फंड का उपयोग किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में बड़े उद्योगों की संख्या बहुत कम होने से उद्योग अपने सीएसआर फंड का उपयोग यहां अपेक्षित मात्रा में नहीं कर रहे हैं। इसके लिए फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में मुम्बई में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जहां 400 बड़े उद्योगपतियों को बुलाया जाएगा। इस सीएसआर कान्क्लेव में प्रयास किया जाएगा कि उद्योगों की कमी वाले राज्यों में सीएसआर फंड का उपयोग करने के लिए उद्योगों को प्रेरित किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लगभग 700 सांसदों ने आदर्श ग्राम का चयन कर लिया है। आदर्श ग्राम में मुख्यतः चार बातों पर फोकस किया जा रहा है। बिजली की उपलब्धता, पाईप लाईन से घरों तक पेयजल की आपूर्ति, रोड़ कनेक्टीविटी व शिक्षा के लिए प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों का विकास। मनरेगा के माध्यम से स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए रसोई व डायनिंग हाॅल बनाया जा सकता है। विभिन्न सांसदगणों के सुझावो पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर भी प्रत्येक तीन माह में इस योजना की समीक्षा की जानी चाहिए। सीमावर्ती गांवों में शतप्रतिशत रोजगार उपलब्ध करवाने के स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किये जा सकते है। यदि भवन उपलब्ध करवा दिए जाए तो सेंटर में प्रशिक्षण व फेकल्टी के व्यय का भार केंद्र सरकार वहन कर सकती है। देहरादून में जिस प्रकार आदर्श गांव में मल्टीपरपज बिल्डिंग की योजना बनाई गई है, जिसमें कि सभी ग्राम स्तर के कार्यालय होंगे, की तर्ज पर अन्य स्थानों पर भी काम किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा में मजदूरी व मेटेरियल के अनुपात 6:40 मे संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा। सांसदों की इस मांग पर कि आदर्श ग्राम के लिए केंद्र सरकार अलग से फंड उपलब्ध करवाए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसकी सम्भावना देखी जाएगी। उत्तराखण्ड सहित अनेक राज्यों द्वारा मनरेगा के तहत मजदूरी की दर को बढ़ाए जाने की मांग पर भारत सरकार द्वारा गठित समिति ने मनरेगा में मजदूरी की दर को राज्य की कृषि मजदूरी दर के समान किए जाने की संस्तुति की है। उत्तराखण्ड में अभी मनरेगा में मजदूरी 161 रूपए है जबकि यहां कृषि मजदूरी दर 204 रूपए है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गांवों का सेल्फ सस्टेनेबिलिटी माॅडल विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इसके आधार पर अन्य गांवों में भी विकास की योजनाएं तैयार की जा सकेंगी। उत्तराखण्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए 28 करोड़ रूपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसमें से 15 करोड़ रूपए अवमुक्त किए जा चुके हैं जबकि 9 करोड़ रूपए व्यय भी किए जा चुके हैं। सांसद यदि कन्वर्जेंस के आधार पर प्रस्ताव देते हैं तो राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का राज्य से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत 2014-15 में प्रत्याशा में 456 करोड़ रूपए राज्य ने खर्च किए। इसमें से केवल 312 करोड़ रूपए ही केंद्र द्वारा दिए गए हैं। शेष 142 करोड़ की प्रतिपूर्ति भी की जाए। आपदा के समय केंद्र सरकार द्वारा कहा गया था कि आॅनगाॅइंग योजनाओं से लेकर खर्च कर लिया जाए। इसके तहत 62 करोड़ रूपए खर्च भी किया गया परंतु इसकी प्रतिपूर्ति में कुछ भी राज्य को नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्तमान में 1122 बसावटें ऐसी हैं जो सड़क विहीन हैं। पीएमजीएसवाई के तहत पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 250 की जनसंख्या का मानक है। संज्ञान में आया है कि सीमांत क्षेत्रों में यह मानक 100 जनसंख्या का किया जा रहा है। इससे सड़क से विहीन बसावटें लगभग 2000 हो जाएंगी। राज्य ने लगभग 179 डीपीआर केंद्र में भेज रखी हैं। केंद्र सरकार इनकी मंजूरी के साथ ही आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल में पहले की तुलना में केंद्र द्वारा बहुत कम धनराशि दी गई है। विश्व बैंक द्वारा स्वीकृत स्वेप के दूसरे चरण को शीघ्र क्रियान्वित किया जाए। इंदिरा आवास में हाल ही में एससी व एसटी का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि जिन स्थानों पर एससी व एसटी के लाभार्थी नहीं मिल रहे हैं, वहां सामान्य लाभार्थियों के लिए अनुमति प्रदान की जाए। मनरेगा में यातायात लागत के अनुपात को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए। साथ ही प्रशासनिक लागत की सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा जिसके द्वारा हर तीन माह में योजना की समीक्षा की जाएगी। सांसद निधि व विधायक निधि से करवाए जाने वाले काम को प्रमाणित करने का अधिकार संबंधित सांसद व विधायक को होना चाहिए ताकि काम की गुणवत्ता बनी रहे। जंगली जानवरों से खेती को नुकसान से बचाने के लिए तार बाड़ को भी मनरेगा के तहत अनुमति दी जाए।