देहरादून: उत्तराखंड पहाड़ों की रानी मसूरी विश्व में अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद है। लाखों पर्यटक मसूरी घुमने आते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जो शहर सरकार को पर्यटन के माध्यम से करोड़ों रुपए राजस्व देता है आज उस शहर की उच्च शिक्षा की हालत बेहद चिंताजनक है। शहर के एकमात्र एमपीजी कॉलेज में समस्यों का अंबार लगा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री प्रदेश को शिक्षा का हब बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि राजधानी के सबसे नजदीक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मसूरी का एकमात्र डिग्री कॉलेज सीएम के दावे की हवा निकालने के लिए काफी है।
मसूरी के डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के ग्यारह पद खाली हैं। साथ ही सीएम हरीश रावत ने पूर्व में घोषणा की थी मसूरी के डिग्री कॉलेज में होटल मैनेजमेंट भी शुरू किया जाएगा। जिससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहीं, शिक्षक नेता सरकार के कई फैसलों से नाराज हैं। पालिका द्वारा संचालित इस कॉलेज में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए शासन से लगातार पत्राचार करने के बाद भी कोई अनुमित नहीं मिल रही है।
शासन के अडियल रवैये का खामियाजा ग्रामीण छात्रों को उठाना पड़ रहा है। कॉलेज प्रशासन भी मानता है कि शिक्षकों के न होने से छात्रों के भविष्य पर असर पड़ रहा है। मसूरी के डिग्री कॉलेज में पूर्व में होटल मैनेजमेंट से लेकर कई पाठ्यक्रम शुरू करने की सरकार ने घोषणा की, लेकिन आज तक किसी भी घोषणा की फाइल आगे नहीं बढ़ पाई।
आज सरकार भले ही तीन साल के कार्यकाल का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन जो घोषणाएं कांग्रेस के शासनकाल में हुई हैं आज तक उनमें से किसी भी घोषणा पर आज तक काम नहीं हुआ है तो सीएम साहब ऐसे मे कैसे उत्तराखंड शिक्षा का हब बनेगा।