नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज आकाशवाणी और डीडी न्यूज से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री जेटली ने विचार-विमर्श के दौरान कहा कि एफएम रेडियो के चरण-III की नीलामी देश में रेडियो प्रसारण क्षेत्र के लिए एक नया खाका पेश करेगी। इस प्रक्रिया से देश भर में फैले 294 शहरों एवं 835 चैनलों में रेडियो सेवाओं के विस्तारीकरण को बढ़ावा मिलेगा। विस्तारीकरण के फलस्वरूप रेडियो पर प्रसारित होने वाले समाचारों की पहुंच छोटे शहरों एवं कस्बों तक सुनिश्चित हो जाएगी, जिससे श्रोताओं को गुणवत्तापू्र्ण सूचनाएं सुलभ होंगी। प्रसार भारती का जिक्र करते हुए श्री जेटली ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म ने लाभ के इरादों को एक तरफ रखते हुए सार्वजनिक सेवा के अधिदेश के साथ सामग्री मुहैया कराई। उन्होंने किसान चैनल के हालिया उदाहरण का जिक्र किया जो कृषक समुदाय के हितधारकों की संचार जरूरतों को पूरा कर रहा है। उन्होंने सदस्यों को यह भी सूचित किया कि इस प्लेटफॉर्म में विविधता लाने के लिए शिक्षा-मनोरंजन प्रारूप पेश किया जा रहा है।
मंत्रालय की नई पहल के संबंध में श्री जेटली ने यह उल्लेख किया कि टॉकेथन (वैचारिक मंथन) के दृश्य प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे भविष्य में सरकारी संचार के लिए एक नियमित प्रारूप के तौर पर बार-बार अपनाया जा सकता है।
इस अवसर पर प्रसार भारती की तरफ से महानिदेशक (समाचार) डीडी और महानिदेशक (समाचार) आकाशवाणी द्वारा प्रस्तुति दी गई, जिसमें दोनों प्लेटफॉर्मों, कार्यक्रमों की पहुंच और सामग्री एवं संबंधित मसलों का अवलोकन पेश किया गया।
समिति के सदस्यों ने इन महत्वपूर्ण पहलों के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना करते हुए खासकर उन क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने के सुझाव भी दिये जहां गुणवत्तापू्र्ण सूचनाओं के प्रसार की अत्यन्त जरूरत है। सदस्यों ने विभिन्न प्लेटफॉर्मों के बीच एकीकृत विपणन दृष्टिकोण के जरिये सामग्री की पैकेजिंग बेहतर करने और कार्यक्रमों को लोकप्रिय बनाने के लिये भी अनेक कदम सुझाए।