देहरादून: प्रदेश के श्रम, सेवायोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एम.एस.एम.ई., खादी एवं ग्रामोद्योग, दुग्ध विकास विभाग मंत्री उत्तराखण्ड सरकार हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने मा0 केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार, श्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में उत्तर मध्य भारत के मा0 श्रम मंत्रियों एवं श्रम सचिवों के एक दिवसीय सम्मेलन लखनऊ स्थित योजना भवन में राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
इस सम्मेलन में केन्द्रीय श्रम सचिव श्री शंकर अग्रवाल द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। श्री दुर्गापाल द्वारा श्रम, रोजगार एवं कर्मचारी राज्य बीमा योजना विभागों की अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। श्री दुर्गापाल द्वारा उत्तराखण्ड में प्रस्तावित दो 100 बेडेड अस्पताल एवं मेडिकल कालेज के निर्माण में हो रही देरी के सम्बन्ध में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखी गयी। श्री दुर्गापाल द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि राज्य सरकार की ओर से प्रश्नगत हास्पीटल एवं मेडिकल कालेज हेतु निःशुल्क भूमि पूर्व में ही उपलब्ध करा दी गयी है तथा इस सम्बन्ध में कई बार पत्राचार एवं बैठके आयोजित की जा चुकी हैं। श्री दुर्गापाल द्वारा मा0 केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री जी से इन लम्बित प्रकरणों पर तत्काल कार्य प्रारम्भ कराने हेतु अनुरोध किया गया, जिस पर मा0 केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री जी द्वारा सम्बन्धित प्रकरण पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैइक में मा0 हरीश चन्द्र दुर्गापाल द्वारा श्रम कानूनों की संख्या कम करने तथा श्रम सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों को सम्मेलन में चर्चा हेतु सम्मिलित किया जाना समीचीन एवं आज की आवश्यकता बतायी। मा0 केन्द्रीय श्रम मंत्री द्वारा लघु उद्योगों के सवंर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रस्तावित स्माल फैक्ट्री बिल को उचित बताते हुए इस सरलीकरण से श्रमिकों के हित विपरीत रूप से प्रभावित न हो यह भी सुनिश्चित किया जाना नितांत आवश्यक बताया तथा श्रम कानूनों की संख्या कम करते समय उनका प्रतिपालन सेवायोजक के लिये सुगम बनाने के साथ-साथ श्रमिक हितों के प्राविधानों का समावेश भी लेबर कोड में आवश्यक बताया। केन्द्रीय श्रम संघों द्वारा आधारभूत श्रम कानूनों के प्रवर्तन के सम्बन्ध में उठायी गयी मांग के संदर्भ में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से मा0 श्रम मंत्री दुर्गापाल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2014-15 में विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत कुल 11859 निरीक्षण किये गये, जिसमें उल्लंघन के 2445 मामलों में उपशमन किया गया, 139 अभियोजन दायर किये गये तथा 26 निर्देशवाद दायर किये गये उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि टेªड यूनियन अधिनियम के अन्तर्गत टेªड यूनियन के पंजीकरण हेतु समयावधि निर्धारित नहीं है। केन्द्रीय श्रम संगठनों द्वारा समयावधि निर्धारित किये जाने की मांग पर समयावधि निर्धारित किये जाने की कार्यवाही राज्य स्तर पर गतिमान है, इस पर शीघ्र ही निर्णय ले लिया जायेगा।
इसके अतिरिक्त श्री दुर्गापाल द्वारा यह भी बताया गया कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के अन्तर्गत राज्य में 86.68 करोड़ उपकर की धनराशि निर्माण श्रमिकों के लिये संगृहीत की गयी है। राज्य में 32233 निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है तथा 2993 श्रमिकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा चुका है। राज्य में न्यूनतम वेतन 202.00 प्रतिदिन निर्धारित किया गया है, जबकि वर्तमान राष्ट्रीय फ्लोर लेविल न्यूनतम वेतन रू0 160 प्रतिदिन है। केवल एक कृृषि नियोजन में में मजदूरी की दैनिक दर रू0 197.72 प्रतिदिन है, जिसके पुनरीक्षण की कार्यवाही भी शासन में विचाराधीन है। नियोजित श्रमिकों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार परिवर्तनीय मंहगाई भत्ता भी अनुमन्य किया गया है। मा0 केन्द्रीय राज्य श्रम मंत्री जी द्वारा अपने उद््बोधन में कहा कि भारत सरकार स्तर पर उत्तराखण्ड राज्य के रूके हुये कार्य जल्द ही शुरू हो जायेंगे।