देहरादून/हरिद्वार: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्री गंगास्वरूप आश्रम भूपतवाला में श्री देवेन्द्रस्वरूप ब्रहमास्वरूप महाराज की एकादश पुण्यतिथि कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कहा कि देवेन्द्रस्वरूप ब्रहमास्वरूप महाराज एक ऐसे महापुरूष थे जो संत के साथ-साथ कर्मयोगी भी थे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उन्होंने जिस तरह से जयराम आश्रमों की श्रृखंला प्रारम्भ की, उन संस्थाओं के उद्देश्य और आदर्शों पर कार्य किया वह सराहनीय है। उनके प्रत्येक आश्रम एक बहुमुखी संस्था के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि इस परम्परा को आगे बढ़ाने में उनके शिष्य ब्रहमास्वरूप ब्रहमचारी जी पूरे लगन के साथ उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रहमास्वरूप ब्रहमचारी जी कुछ और ऐसी संस्थाओं की स्थापना करें, जो प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा सोभाग्य है कि यहां अनेक धार्मिक स्थल हैं, जिस कारण प्रदेश को साधु-संत समाज का आशीर्वाद मिलता रहता है। उन्होंने कहा कि जो समय हमें मिला है उसका संत समाज के साथ मिलकर पूर्ण उपयोग करके हम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्तराखण्ड बना सकते हैं।