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श्री पीयूष गोयल ऑस्ट्रेलिया में आयोजित तीसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा सुरक्षा बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे

پیوش گوئل نے انیل مادھو دوے کی موت پر اظہار تعزیت کیا
देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय बिजली, कोयला एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल 8 से 11 फरवरी, 2016 को ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले तीसरे भारत- ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा सुरक्षा वार्ता की

सह-अध्यक्षता करेंगे। आधिकारिक वार्ता के अतिरिक्त ऊर्जा, सुरक्षा बातचीत के दौरान कई गोलमेज बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। यह विचार विमर्श विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय से व्यवसाय गठबंधन को भी बढ़ावा देगा। इन गोलमेज वार्ताओं में शामिल हैं-

(क)   ब्रिस्बेन में कारगर कोयला खनन, स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, कोयला गैसीकरण (भूमिगत समेत) खदान सुरक्षा, खदान बंदीकरण आदि

(ख)   ब्रिस्बेन में एलएनजी उत्पादन एवं व्यापार, कोल बेड मीथेन के लिए व्यवसाय अवसर

(ग)   ब्रिस्बेन में कोयला क्षेत्र में प्रबंधन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास

(घ)   सिडनी में नवीकरणीय ऊर्जा एवं ग्रिड एकीकरण के लिए चुनौतियां

(ड़)   सिडनी में कारगर कोयला आधारित बिजली एवं कार्बन कैप्चर एवं भंडारण (सीसीएस)

(च)   सिडनी में स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट मीटर एवं ऊर्जा कुशलता

(छ)   सिडनी में निवेशक गोलमेज (व्यावसायी समुदाय, निवेशक, उद्योग विश्लेषक आदि)

      भारत के कोयला क्षेत्र की योजना अगले पांच वर्षों में अपने उत्पादन में दोगुनी वृद्धि कर देने की है। इसमें प्रौद्योगिकी विकास, सर्वश्रेष्ठ खनन प्रचलनों का अनुपालन, पर्यावरण प्रबंधन, कौशलों का विकास, सुरक्षा में बेहतरी आदि शामिल है। ऑस्ट्रेलिया दुनिया में बेहद उच्च सुरक्षा रिकॉर्ड के साथ सबसे बड़ा कोल उत्पादक देश है और इस स्थिति में है कि खनन प्रचलनों को बेहतर बनाने एवं पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास में भारत की मदद कर सके।

      ऐसी परिकल्पना की जाती है कि कोल खनन क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तकनीकी सहयोग भारत को स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों के विकास के अतिरिक्त कोयला खदानों की सुरक्षा, उत्पादन एवं उत्पादकता को बेहतर बनाने में मदद करेगा। इस परिप्रेक्ष्य में दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा वार्ता की आगामी बैठकों में विचार विमर्श के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों का प्रस्ताव रखा गया हैः

  • भूमिगत खनन प्रौद्योगिकियां
  • खदान बंदी एवं खनन हो चुके क्षेत्रों का भूमि उद्धार
  • खदान सुरक्षा-क्षमता निर्माण
  • कोयला उत्खनन प्रौद्योगिकियां
  • सूखी कोयला लाभकारी प्रौद्योगिकियां
  • कोल बेड मीथेन (सीबीएम)/कोल माइन मीथेन (सीएमएम)
  • भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) का विकास
  • कौशल विकास

कोयला खदानों में सुरक्षा की बेहतरी के लिए कोयला कंपनियों के अधिकारियों को प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत ऑस्ट्रेलिया के एसआईएमटीएआरएस में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रस्ताव है कि इस प्रशिक्षण के दायरे को बढ़ाकर उद्योग के अधिक से अधिक लोगों को इसके तहत ले आया जाए। ऑस्ट्रेलिया के एसआईएमटीएआरएस एवं सीआईएल एवं एनटीपीसी जैसी भारत की कोल खदान की कंपनियों के सहयोग से धनबाद के आईएसएम में एक वर्चुअल रियलिटी ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करने का प्रस्ताव है।

कौशल विकास के संदर्भ में दोनों देशों ने धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) में खनन के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करने पर सहमति जता दी है। इस केंद्र से अनुसंधान एवं विकास, खनन प्रौद्योगिकी, सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन, स्वच्छ कोयला एवं ऊर्जा प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में धनबाद के आईएसएम एवं ऑस्ट्रेलिया के संस्थानों के बीच साझेदारी एवं कोयला क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय, प्रबंधकीय एवं संचालनगत कौशल विकास के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अवसर प्रदान किए जाने की उम्मीद है।

भारत सरकार ने हाल ही में भूमिगत कोल गैसीकरण के विकास के लिए एक नीति बनाई है और कोयला मंत्रालय द्वारा संसाधन के विकास के लिए कुछ कोल ब्लॉकों को प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां इस क्षेत्र में भागीदारी की उम्मीद कर सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया की खनन कंपनियों के लिए विभिन्न कोयला ब्लॉकों के विकास के लिए टेंडरों में भागीदारी करने की पर्याप्त संभावना है, जिन्हें हाल ही में विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों को पेशकश की गई है।

ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक गैस का 11वां सबसे बड़ा ज्ञात भंडार है और इसके निकट भविष्य में एलएनजी के चौथे सबसे बड़े निर्यातक बन जाने की उम्मीद है। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड का गोरगॉन गैस के साथ सालाना 1.44 एमएम की गैस सोर्स करने का 20 साल का अनुबंध है। इसे आगे और विस्तारित करने के लिए आईओसीएल, बीपीसीएल एवं एचपीसीएल को आपूर्ति की जाएगी। इन आपूर्तियों के इस वर्ष नवंबर तक प्रारंभ हो जाने की उम्मीद है और यह हमारे देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

भारत ऊर्जा वार्ता के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच एलएनजी के व्यापार के लिए आगे अवसरों पर अपने दृष्टिकोण को साझा करेगा। एलएनजी व्यापार संबंधी मुद्दों पर नीति गठबंधन करने पर भी चर्चा की जाएगी। श्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में 8 फरवरी को ब्रिस्बेन में एलएनजी व्यापार पर एक गोलमेज विचार विमर्श आयोजित की जाएगी।

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