नई दिल्लीः केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने आज नई दिल्ली में ‘कैमिनार-2016’ सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का विषय
‘भारत के भविष्य की गाथा-स्थायी रसायन विज्ञान’ था।
इस अवसर पर श्री अनंत कुमार ने कहा कि देश में रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग की वृद्धि दर 11 से 12 प्रतिशत है और यह प्रति वर्ष 200 अरब डॉलर का उत्पादन कर रहा है। उन्होंने अगले 5 वर्षों में 14.7 प्रतिशत की दर से उत्पादन दुगना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकार उनकी मदद करेगी। इन उद्योगों के लिए फीडस्टॉक की उपलब्धता और कीमत के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक गैस के लिए अन्य देशों के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण समझौते में उनकी मदद कर सकती है। श्री अनंत कुमार ने कहा कि देश में 22 तेल शोधन संयंत्र हैं और उनके आस-पास रसायन केन्द्रों के निर्माण की योजना है। इससे सामूहिक दृष्टिकोण से मूल्यों में कमी की जा सकती है। परियोजनाएं केलव ग्रीन फील्ड परियोजनाओं तक ही सीमित नहीं होंगी, बल्कि ब्राउन फील्ड परियोजनाएं, जो कि विभिन्न स्थानों पर पहले से ही चल रही हैं उन तक भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सामान्य सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचे, संयंत्र, व्यापार और परीक्षण सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सहायता प्रदान कर सकती है जिससे मूल्यों में 25 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। उन्होंने उद्योगों से सभी पहलुओं में प्रतिस्पर्धी रवैया अपनाने का आह्वान किया। श्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने तालचर उर्वरक संयंत्र के लिए कोयला, गैस मार्ग का चयन किया है और वह देश के पूर्वी हिस्से में गैस आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम कर रही है। रिवर्स एसईजैड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ईरान और मुजांबिक के साथ बातचीत जारी है और अन्य विकल्पों को भी तलाशा जा सकता है।
इससे पहले रसायन और पेट्रो रसायन सचिव श्री ए के बिशनोई ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने के व्यापक क्षमता है। यद्यपि यह क्षेत्र भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में तीन दशमलव आठ प्रतिशत और निर्यात में नौ दशमलव चार का योगदान करता है और इसके उत्पादों की प्रतिव्यक्ति खपत कम है इसलिए इसमें विकास की अपार क्षमता है।