नई दिल्ली: रसायन और ऊवर्रक तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार ने फार्मा उद्योग , राज्य सरकारों, अन्य विभागों तथा सिविल सोसायटी से साधारण जन को उचित कीमत पर औषधि उपलब्ध कराने की अपील की है। एनपीपीए स्थापना दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए श्री अनुंत कुमार ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में 900 दवाओं को मूल्य नियंत्रण के अधीन लाया गया है। इससे उपभोक्ताओं को 5000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकार(एनपीपीए) ने आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची-2015 जारी होने के 6 महीने के अंदर 368 नई दवाओं को मूल्य सीमा के दायरे में ला दिया है।
रसायन और ऊवर्रक तथा संसदीय कार्य मंत्री ने एनपीपीए द्वारा विकसित मोबाइल ऐप्प “फार्मा सही दाम“ लांच किया। यह ऐप्प एनपीपीए द्वारा निर्धारित विभिन्न अनुसूचित दवाओं का अधिकतम खुदरा मूल्य(एमआरपी) दिखाता है। उन्होंने एनपीपीए का लोगो भी जारी किया। यह लोगो सभी अनुसूचित दवाओं की पैकिंग पर अंकित होगा। श्री अनंत कुमार ने कहा कि डाटा एकत्रित करने तथा एनएलईएम में शामिल दवाइयों ,जिनके बारे में बाजार डाटा नहीं है, पर उचित कदम उठाने करने के लिए एनपीपीए को और अधिक शक्ति प्रदान करने के लिए संशोधन किया जाएगा। श्री अनंत कुमार ने कहा कि वे फार्मास्युटिकल के लिए अलग मंत्रालय बनाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उद्योग से संबंधित सभी निर्णयों को एक छत के नीचे लिया जा सके।
उन्होंने भारत के प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य सुरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘3ए ‘ दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। उन्होंने बल देते हुए कहा कि उपलब्धता, उचित मूल्य पर उपलब्धता और पहुंच को सुनिश्चित करके ही सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सकती है। श्री अनंत कमार ने कहा कि सरकार फार्मास्युटिकस पार्क, चिकित्सा उपकरण पार्क , फार्मास्युटिकल क्लस्टर तथा अटल नवाचार योजना के माध्यम से नवाचार संवर्धन के जरिए फार्मा उद्योग को सहयोग दे रही है।
श्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में साधारण जन को उचित मूल्य पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए दोतरफा रणनीति अपनाई जा रही है। इसके अनुसार एक ओर एनपीपीए द्वारा मूल्यों का नियमन किया जा रहा है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के सभी जिलों और तहसिलों को शामिल करते हुए एक वर्ष के अंदर 3000 प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर में दवाएं बाजार मूल्य की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत मूल्य की होती हैं और प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर में कोई भी दवा बाजार मूल्य से 50 प्रतिशत से अधिक की नहीं है।
इस अवसर पर एनपीपीए के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव श्री के.बी. अग्रवाल , भारत के औषधि महानिदेशक डॉ.जी.एन. सिंह, फार्मास्युटिकल विभाग के संयुक्त सचिव श्री सुधांशु पंत तथा फार्मास्युटिकल विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. एम.अरीज अहमद ने भी विचार व्यक्त किए।