नई दिल्ली: सभी तरह की व्यवस्था को नकदी रहित लेन-देन में परिवर्तित करने के लिए जारी प्रयासों के तहत,शहरी विकास मंत्रालय ने सभी वैधानिक 4041 शहरी स्थानीय निकायों को जल्द से जल्द ई-भुगतान में परिवर्तित करने को कहा है। देश के इन शहरों और कस्बों की 40 करोड़ शहरी आबादी का यह लगभग 75% है।
केन्द्र सरकार के इस संदेश से 4041 शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारियों को परस्पर संवादात्मक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहरी विकास सचिव श्री राजीव गाबा ने अवगत कराया। नकदी रहित लेनदेन को सुनिश्चित करने के विभिन्न पहलुओं पर आधे दिन हुए इस वार्तालाप में संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
राज्य और शहर स्तर के अधिकारियों को वित्त मंत्रालय द्वारा विकसित लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएम) का उपयोग करने के अलावा शहरों और कस्बों के स्तर पर नकदी रहित लेनेदेन के लिए इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड का उपयोग करते हुए ऑनलाइन बैंकिंग(आरटीजीएस/ एनईएफटी) को बढ़ावा देने के लिए कहा गया था।
श्री गाबा ने जोर दिया कि शहरी स्थानीय निकायों के आय और व्यय दोनों से संबंधित सभी लेन-देन को ई-पेमेंट मोड में स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता है। इनमें संपत्ति कर का भुगतान,व्यावसायिक कर, पानी और बिजली के बिल के सभी उपयोगकर्ता शुल्क, सभी प्रकार के शुल्क और लाइसेंस शुल्क, सामुदायिक हॉलों की ऑनलाइन बुकिंग, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों को जारी करना,दुकानों का पंजीकरण और अन्य प्रतिष्ठानों के नवीकरण, पुस्तकालय सदस्यता का नामांकन आदि शामिल हैं।
इसके अलावा सभी नियमित और अनुबंध कर्मचारियों को वेतन का भुगतान, सभी अनुबंध और कार्य भुगतान, खरीद, सामाजिक सुरक्षा, लाभार्थी भुगतान आदि के लिए व्यय को नकदीरहित बनाया जाना भी शामिल है।
शहरी प्रशासनों को सभी श्रेणियों के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों हेतु खाते खोलने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण एवं जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।
राज्यों को शहर स्तर पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत धन के हस्तांतरण, लेखा और निगरानी को सक्षम बनाने के लिए लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएम) अपनाने के लिए कहा गया है।
लेनदेन की मात्रा को स्पष्ट करने के लिए, नवंबर के दौरान अब तक बकाया राशि देय सहित 59 शहरों ने 1,722 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्र किया है। इसमें शामिल है: अहमदाबाद- 187 करोड़ रूपए,भोपाल-27 करोड़ रूपए, चेन्नई की 80 करोड़ रूपए, फरीदाबाद– 17 करोड़ रूपए, गुवाहाटी 14 करोड़ रूपए, हैदराबाद- 208 करोड़ रूपए, इंदौर-32 करोड़ रूपए, काकीनाडा (एपी) 20 करोड़ रूपए, कल्याण (महाराष्ट्र) -170 करोड़ रूपए, लखनऊ-23 करोड़ रूपए, रायपुर-17 करोड़ रूपए, विशाखापट्टनम-16 करोड़ रूपए, अमृतसर-12 करोड़ रूपए, कानपुर-30 करोड़ रूपए, मुंबई-167 करोड़ रूप्ए और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद- 84 करोड़ रुपए।
मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख 7 शहरों में पहले से ही नकदरहित लेनदेन व्यवस्था सक्षम है और सभी 378 शहरों और कस्बों में अगले वर्ष मार्च तक ये व्यवस्था पूर्ण हो जाएगी। उत्तर प्रदेश और गोवा ने शहरी स्तर पर पीएफएम का उपयोग करने की जानकारी दी है और इसे बहुत उपयोगी पाया है।
शहरी विकास मंत्री श्री नायडू एम. वैंकेया नायडु ने विशाखापत्तनम नगर निगम और ई-पेमेंट पर नागरिकों को शिक्षित करने के लिए नकदी रहित भुगतान प्रणाली और अनुकूलन शिविरों का उद्घाटन किया।