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श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सागरमाला पहल से रोजगार के नये अवसर तैयार होंगे और देश के वि‍कास को गति मिलेगी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय जहाजरानी तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार की सागरमाला पहल से रोजगार के नये अवसर तैयार करने में काफी मदद मिलेगी और देश के वि‍कास को गति मिलेगी। श्री गडकरी कल शाम जहाजरानी मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के सदस्‍यों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि इस पहल का मुख्‍य उद्देश्‍य बंदरगाह आधारित प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष विकास को बढ़ावा देना और बंदरगाहों से जिन्‍सों के परिवहन के लिए सक्षम और किफायती सुविधाएं उपलब्‍ध कराना है। उन्‍होंने कहा कि इस पहल में काफी मदद की जरूरत है, क्‍योंकि औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास के लिए यह बंदरगाहों को मुख्‍य बिन्‍दुओं के रूप में स्‍थापित करेगी। श्री गडकरी ने बताया कि सड़क और रेल परिवहन की तुलना में जलमार्गों से परिवहन करना काफी सस्‍ता होता है। उन्‍होंने बताया कि भारत के पास परिवहन के लिए नदियों के इस्तेमाल की अत्‍यधिक संभावना होने के बावजूद इसका कम इस्‍तेमाल हो रहा है। इसके बारे में उन्‍होंने कहा कि 101 अतिरिक्‍त अंतर्देशीय जलमार्गों को नौकाचालन के लिए राष्‍ट्रीय जलमार्गों के रूप में घोषित करने के लिए केन्‍द्रीय विधान लागू करने के निर्णय से देश में परिवहन क्षेत्र में काफी सुधार होगा। श्री गडकरी ने सागरमाला परियोजना और अंतर्देशीय जलमार्गों को विकसित करने के बारे में सांसदों से सुझाव मांगे।

इस अवसर पर जहाजरानी तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्‍य मंत्री श्री पोन राधाकृष्णन ने कहा कि सदस्‍यों के सुझावों से परियोजना को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर एक प्रस्‍तुति‍भी पेश की गई। इस परियोजना का उद्देश्‍य अंतर-प्रारूप समाधानों के साथ नए विकास क्षेत्रों तक पहुंच कायम करना और मनमुताबिक प्रारूप को बढ़ावा देना, मुख्‍य आर्थिक केन्‍द्रों के साथ संपर्कता बढ़ाना और रेल, अंतर्देशीय जल, समुद्रतटीय और सड़क सेवाओं का विस्‍तार करना है।

बंदरगाह आधारित प्रत्‍यक्ष विकास के अधीन विकास संबंधी गतिविधियों में जहाज का निर्माण और मरम्‍मत, मछलीपालन, तेलशोधन, मुख्‍य उद्योग, ताप बिजली परियोजनाएं, पेट्रोल, तेल और स्‍नेहक तथा रसायन आधारित उद्योग, सीमेंट संयंत्र और पूंजीगत जिंस उद्योग शामिल हैं। बंदरगाह आधारित अप्रत्‍यक्ष विकास के अधीन गतिविधियों में सड़क, रेलमार्ग, हवाईअड्डे, पाईपलाईन नेटवर्क जैसी संपर्कता परियोजनाएं शामिल हैं। उपस्थित संसद सदस्‍यों में श्री ए अरूण मोजीतेवन, श्री एडवोकेट नरेन्‍द्र केशव सवाईकर, श्री आनंदराव विठोबा अदसूल, श्रीमती अनुप्रिया पटेल, श्री भीमराव बसवंतराव पाटिल, श्री सी आर चौधरी, श्री गणेश सिंह, श्री जे सी दिवाकर रेड्डी, श्री जगदम्बिका पाल, डॉ. कलामणि सामल, श्री के प्रभाकर रेड्डी, श्री एम राजमोहन रेड्डी, श्री मोहम्‍मद सलीम, श्रीमती नीलम सोनकर, श्री पी सी गडीगौदार, श्री प्रताप सिम्‍हा, श्री शिशिर कुमार अधिकारी, श्री ए के सेलवाराज, डॉ. चंदन मित्रा, श्री जी मोहन राव, श्री ईश्‍वरलाल शंकालाल जैन और श्री पी भट्टाचार्य शामिल थे।

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