केंद्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित 3000 एचपी केप गेज लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाई। मोजाम्बिक सरकार के परिवहन और संचार मंत्री श्री जनेफर अब्दुलई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन्हें रवाना किया गया। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे।
मोज़ाम्बिक को इंजनों के निर्यात से भारत-अफ्रीका संबंध और निर्यात के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय रेलवे 3000 एचपी गेज लोकोमोटिव के 6 लोकोमोटिव और 90 स्टेनलेस स्टील यात्री डिब्बों के कुल क्रम के हिस्से के रूप में 2 लोकोमोटिव के पहले बैच का निर्यात कर रहा है। इन लोकोमोटिव को मेक-इन-इंडिया मिशन के तहत बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। इन्हें भारतीय रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, राइट्स लिमिटेड, के माध्यम से निर्यात किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत की भावना से इन्हें भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है। साथ ही यह भारत द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए माननीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और अफ्रीकी-भारतीय संबंधों को और मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के तहत हम मोज़ाम्बिक के विश्वसनीय भागीदार के रूप में काम करेंगे। महत्वपूर्ण नवाचार, पुनः मॉडलिंग और अपग्रेडेशन के साथ, भारतीय रेलवे अपनी सभी आवश्यकताओं के लिए मोजाम्बिक और दुनिया भर के देशों के लिए पसंदीदा आपूर्तिकर्ता बनना चाहता है। हम मोज़ाम्बिक में रेल नेटवर्क के और अधिक विकास का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। 2030 तक हम अपनी अक्षय ऊर्जा उत्पादन से रेलवे की तमाम विद्युत संबंधी जरूरतों को पूरा करने का लक्ष्य प्राप्त करेंगे। हम दुनिया के पहले बड़े रेलवे होंगे जो 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन संचालित होगा।
इस अवसर पर माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा निर्मित अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के मंत्र का प्रतीक हैं। बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित लोकोमोटिव कुशल कार्यबल का एक प्रतीक है। हमारी दृष्टि भारत को कौशल पूंजी बनाने की है।
मोजाम्बिक सरकार के परिवहन और संचार मंत्री श्री जनाफर अब्दुलई ने परिवहन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
3000 एचपी केप गेज लोकोमोटिव के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु-
- यह लोकोमोटिव लेवल ट्रैक पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 2255 टन वजन ढोने की क्षमता और 400एन के अधिकतम ट्रैक्टिव प्रयास के लिए सक्षम है।
- इस लोकोमोटिव के केबिन शोर-कंपन और कर्कश ध्वनि-रोधी हैं जहां वैज्ञानिक तकनीक से आवाज को बेहतर कर्णप्रिय बनाया गया है। साथ ही इसकी सीटें भी बेहद आरामदायक हैं और इंटीग्रेटेड ग्राफिक ड्राइवर डिस्प्ले भी है। बेहतर क्रू कंफर्ट और थकान को कम करने के लिए हीटिंग वेंटिंग एसी भी दिया गया है।
- परिवहन के दौरान इ्स्तेमाल के लिए पानी की टंकी (टॉयलेट मॉड्यूल), रेफ्रिजरेटर और हॉट प्लेट की सुविधाएं भी हैं।
- राइट हैंड ड्राइव के लिए नए कंट्रोल कंसोल को डिजाइन और विकसित किया गया है।
- उच्चतम सुरक्षा मानकों और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कंप्यूटर नियंत्रित ब्रेक सिस्टम (सीसीबी 2.0) से इसे लैस किया गया है।
- अधिक संचालन के लिए 6000 लीटर का बड़ा ईंधन टैंक दिया गया है।
- संक्षारण प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए स्टेनलेस स्टील पाइप का उपयोग किया गया है।
- मोज़ाम्बिक रेलवे द्वारा नियुक्त एक अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षण एजेंसी मैसर्स ब्यूरो वेरिटास/नोएडा बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में मोज़ाम्बिक लोकोमोटिव का चरण दर चरण निरीक्षण कर रही है।
- लोकोमोटिव कम लागत पर तैयार होने के साथ अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं।
बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में इन लोकोमोटिव का निर्माण मेक-इन-इंडिया पहल के तहत हो रहा है
घरेलू डिजाइन: ये बनारस लोकोमोटिव वर्क्स की तरफ से पहला केप गेज लोकोमोटिव निर्माण है जो एसी-एसी ट्रैक्शन सिस्मम से विकसित किया गया है। यह 20 टन का वजन और 100 किलोमीटर प्रति/घंटा रफ्तार के लिए सक्षम होने वाला नया डिजाइन है।
एसी-एसी ट्रैक्शन सिस्टम, ट्रैक्शन अल्टरनेटर, ट्रैक्शन मोटर, टर्बो और वॉटर क्लॉजेट को खास तौर पर मोज़ाम्बिक के लिए इस कारखाने के घरेलू डिजाइन सेंटर द्वारा तैयार किया गया है।
घरेलू निर्माण: इंजन की सबसे महत्वपूर्ण वस्तु यानी क्रैंक-केस असेंबली को बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में इन-हाउस विकसित किया गया है।
घरेलू उद्योग में निर्माण क्षमता: भविष्य के निर्यात के लिए कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की क्षमताओं को बढ़ाया गया है। बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने सब-असेंबली जैसे टर्बो-सुपरचार्जर असेंबली, ट्रैक्शन मोटर एंड अल्टरनेटर, ट्रैक्शन प्रोपल्शन सिस्टम, फ्यूल टैंक और कंप्रेसर आदि के लिए कई सार्वजनिक / निजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग और मार्गदर्शन बढ़ाया है।
इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि बनारस लोकोमोटिव वर्क्स में लोकोमोटिव के निर्यात की एक मजबूत परंपरा है। इनसे हर प्रकार की गेज (बीजी, एमजी और केप गेज) औऱ हॉर्स पावर,15 मीटर गेज 6 सिलिंडर से शुरू, 165 डीजल लोकोमोटिव और 1350 एचपी, अल्को टाइप लोकोमोटिव तंजानिया को 1975 में निर्यात किए थे। आखिरी बार 2009-09 में बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने केप गेज लोको एक अल्को 3000 एचपी मोजाम्बिक को निर्यात किए थे। 2017-18 में 18 एमजी डीजल लोको को म्यांमार को निर्यात किया गया था। 20018-2020 के दौरान 10 बीजी डीजल लोकोस श्रीलंका को निर्यात किए गए थे।