ऋषिकेश: श्री आर.के. विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के नये निदेशक (तकनीकी) का पदभार दिनांक 01 सितम्बर, 2019 से ग्रहण कर लिया है। श्री विश्नोई बिट्स पिलानी (BITS Pilani) से सिविल इंजीनियरिंग में आनर्स ग्रेजुएट हैं। उन्हें हाइड्रो पावर स्ट्रक्चर्स की डिजाइनिंग अभियांत्रिकी व निर्माण के क्षेत्र में 33 वर्षों से अधिक का विस्तृत अनुभव है। टीएचडीसी में वर्ष 1989 में श्री विश्नोई इंजीनियर के पर पर नियुक्त हुये तथा विभिन्न पदों पर पदोन्नित होकर वर्तमान में निदेशक (तकनीकी) के पद का कार्यभार ग्रहण किया है। उन्होंने ASCII हैदराबाद व SDA Bacconi School of Management, Italy द्वारा संयुक्त रूप से संचालित Leading Strategic Change में Advance Management Programme किया है। इसके अतिरिक्त मास्को युनिवर्सिटी से हाइड्रो स्ट्रक्चर्स की डिजाईनिंग व निर्माण के साथ ही हाइड्रो पावर कंस्ट्रक्शन्स का प्रोफेशनल अपग्रेडेसेशन कोर्स भी किया है।
टिहरी स्पिलवे, कोटेश्वर परियोजना की अवधारणा से कमीशनिंग तक तथा अंतर्राष्ट्रीय मानकों के समकक्ष 1000 मेगावाट की पम्प स्टोरेज संयंत्र की परिकल्पना एवं इसके अद्वितीय निर्माण में आने वाली विभिन्न अभियांत्रिकी चुनौतियों को संभालने में उन्होंने प्रमुख योगदान दिया। उन्होंने विश्व बैंक की सहायता से विष्णुगाड पीपलकोटी परियोजना की संविदा दस्तावेज में जोखिम साझा करने के तंत्र की अवधारणा तैयार की जिसकी बहुत प्रशंसा हुई। उनके नेतृत्व पहली बार भारत में Geotechnical Baseline Report का प्रावधान हाल ही में विष्णुगाड पीपलकोटी परियोजना के संविदा दस्तावेज में जोड़ा गया जो कि भविष्य की सभी संविदाओं में जोड़ा जायेगा। उन्होंने टीएचडीसी की तरफ से अनेक परियोजनाओं की कंसलटेंसी में कार्य किया है, जिनमें 2585 मेगावाट क्षमता की संकोश हाइड्रो प्रोजेक्ट भूटान की DPR तैयार करना, माता वैष्णों देवी के स्लोप्स का स्थायीकरण, वरूणावत पर्वत उत्तरकाशी का ट्रीटमेंट, उत्तराखंड सरकार की भू-स्खलन परियोजनाऐं आदि शामिल हैं।
श्री विश्नोई विश्व बैंक के डैम सेफ्टी पैनल के सदस्य हैं और विश्व बैंक के वांशिगंटन स्थित मुख्य कार्यालय के निमंत्रण पर EPC and Unit Rate contracts के संबंध में दिशा-निर्देशों का गठन करने के उद्देश्य से WB Expert Group के सदस्य के तौर पर भाग लिया। वे इंटरनेशनल कमीशन ऑफ लार्ज डैम (आईकोल्ड) में बांधों की भूकंपीय सुरक्षा पर बनी तकनीकी समिति में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे विश्व बैंक, भारत सरकार, आई.आई.टी. रूडकी, सी.एस.आई.आर. रूड़की, आई.क्यू.पी.सी. सिंगापुर, सी.बी.आई.पी. दिल्ली और एनटीपीसी में आयोजित समारोहों में जल विद्युत और बड़ी संविदाओं पर व्याख्यान देने के लिए विजिटिंग फैक्ल्टी भी रहे हैं।