लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जनपद-सोनभद्र तहसील दुद्धी की सूखा ग्रस्त अति पिछड़े, आदिवासी बाहुल्य के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कनहर नदी पर 39.90 मीटर ऊॅचा तथा 3.24 कि0मी0 लम्बा बांध बनाकर 0.15 मिलियन एकड़ फीट जल उपयोग करने हेतु ‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ वर्तमान मंें निर्माणाधीन है।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ तैयार होने पर पूरी 121.10 कि0मी0 मुख्य नहरें एवं शाखायें तथा 190 कि0मी0 लम्बी राजवाहों एवं अल्पिकाओं के माध्यम 26 हजार 75 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र में दोनों फसलों को मिलाकर कुल 35462 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ की मूल लागत वर्ष 1976-77 में रू0 27.75 करोड़ आंकलित की गयी थी, जिसकी वित्तीय स्वीकृति पत्रांक 258/79/23-सी-999/73, दिनांक 29.01.1979 द्वारा रू0 27.75 करोड़ के लिए प्रदान की गयी थी। परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष-1976 में प्रारम्भ हुआ था।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ उ0प्र0 राज्य के डूब क्षेत्र में पड़ने वाले ग्रामों के कृषक भूमि का अधिग्रहण भूमि अध्याप्ति अधिनियम-1894 के तहत धारा-04 एवं 06 का प्रकाषन वर्ष-1979-81 में करके कास्तकारों को भूमि के प्रतिकर का भुगतान विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, मीरजापुर के माध्यम से वर्ष-1981 से वर्ष-1984 में किया गया। तत्पश्चात अधिग्रहीत भूमि का विभाग को कब्जा स्थानान्तरित हो गया है तथा खतौनी में विभाग का नाम भी दर्ज हो चुका है।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ पुनरीक्षण लागत 652 करोड़ 58 लाख का अनुमोदन टी0ए0सी0 की 16वीं बैठक दिनांक 16.09.2010 को प्रदान किया गया। व्यय वित्त समिति की बैठक दिनांक 02.11.2010 द्वारा इस परियोजना के लिए धनराशि 652.58 करोड़ अनुमोदित किया गया है। इस परियोजना के इन्वेस्टमेंट क्लीयरेन्स योजना आयोग, भारत सरकार द्वारा निर्गत की जा चुकी है।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ की मुख्य समस्या डूब क्षेत्र के प्रभावित 11 ग्राम के परिवारों को पुनर्वासित करने की थी। इस समस्या के हल के लिए उ0प्र0, शासन द्वारा प्रशासक एवं आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल को आयुक्त नियुक्त किया गया।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ जिलाधिकारी-सोनभद्र एवं आयुक्त के निर्देशन मंें ग्रामीणों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं के निदान हेतु जिलाधिकारी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट/प्रतिवेदन पर उ0प्र0 शासन एवं मा0 मंत्री जी के विशेष प्रयास से मंत्री परिषद की बैठक में प्रभावित परिवारों को प्रस्तावित रू0 7.11 लाख प्रति परिवार पुनर्वास लाभ तथा 150 वर्ग मीटर का निःशुल्क प्लाट मुहैया कराये जा रहे हैं, साथ ही पात्रों को समाजवादी आवास योजना के तहत आवासित किये जाने का कार्य प्रस्तावित है। अब तक 564 विस्थापित परिवारों मंें 13 करोड़ 23 लाख 94 हजार के चेक वितरित किये जा चुके हैं। 1 जून, 2015 को मा0 मंत्री जी द्वारा 351 विस्थापित परिवारोें को 2 लाख 11 हजार – 2 लाख 11 हजार के चेक यानी मौके पर 7 करोड़ 40 लाख 61 हजार के चेक मंत्री जी विस्थापितोें को मुहैया करायेंगे। पुनर्वास कालोनी में निःशुल्क प्लाटों के आवंटन की तैयारी चल रही है। पुनर्वास कालोनी में सामुदायिक भवन, खेल का मैदान, मन्दिर, मस्जिद, पेयजल, विद्युतीकरण, सम्पर्क मार्ग के साथ ही पुनर्वासियों के लिए मजहब के हिसाब से शमशाम घाट व कब्रिस्तान की भी व्यवस्था की जा रही है।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ के डूब क्षेत्र में छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की कुछ जमीनें पड़ती हैं। वर्ष-2000 में झारखण्ड राज्य से और 2010 में छत्तीसगढ़ राज्य से सहमति मिलने के बाद परियोजना के निर्माण कार्य में प्रगति लायी गयी। पुनरीक्षण परियोजना भारत सरकार के केन्द्रीय जल आयोग की 124वीं बैठक में 16 अक्टूबर- 2014 को रू0 2252 करोड़ 29 लाख अनुमोदित की गयी।
अब तक ‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ मंें मुख्य रूप से उ0प्र0 राज्य के पड़ने वाले 1610 हेक्टेयर कृषि भूमि, 980.41 हेक्टेयर वन भूमि और बायीं तथा दायीं कनहर नहर निर्माण के लिए कुल 136.39 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। नदी भाग में कांक्रिट, स्पिलवे निर्माण के लिए अनुसंसाधन एवं परिकल्पना का कार्य पूरा कर निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें नींव की खुदाई पूरी होने के बाद नीव की भराई का कार्य प्रगति पर है। दायीं और बायी कनहर नहर में 50 कि0मी0 तक लम्बाई मेें मिट्टी का कार्य और 23 अदद पक्के कार्य पूरा किये जा चुके हैं, बाकी कार्यों के निर्माण प्रगति पर है। अब तक सिंचाई परियोजना में 308 करोड़ व्यय किया जा चुका है। परियोजना के डूब क्षेत्रों में पड़ने वाले छत्तीसगढ़ राज्य की भूमि के हस्थानान्तरण हेतु सर्वे एवं भूमि का प्रकरण तैयार करने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा धनराशि रू0 40.00 लाख की मांग की गई थी, जिसका भुगतान कर दिया गया। भूमि हस्थानान्तरण हेतु वांछित धनराशि की मांग छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा किये जाने हेतु भुगतान कर दिया जायेगा। छत्तीसगढ़ राज्य से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा अवगत कराया गया कि भूमि हस्थानान्तरण हेतु धनराशि की मांग शीघ्र ही कर ली जायेगी।
‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ के डूब क्षेत्र में पड़ने वाले भूमि के हस्थानान्तरण हेतु वांछित धनराशि की मांग हेतु छत्तीसगढ़ राज्य से अनुरोध किया गया, उनके मांग पत्र प्रस्तुत होने पर भुगतान कर दिया जायेगा।