नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह 20 जनवरी, 2016 को नई दिल्ली में “सहकारी संघवाद के सुदृढ़ीकरणः राष्ट्रीय परिपेक्ष्य तथा अंतर्राष्ट्रीय अनुभव”
पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह भी उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
यह सम्मेलन गृह मंत्रालय के अंतर राज्य परिषद सचिवालय (आईएससीएस) द्वारा फोरम ऑफ फेडरेशन्स, यूएनडीपी तथा विश्व बैंक के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। देश में यह पहला सम्मेलन है जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी संघवाद विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
सम्मेलन में नीति निर्धारक तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के अधिकारी, शिक्षाविद, चिंतक और आस्ट्रेलिया, इथियोपिया, जर्मनी, स्विटजरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील तथा कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे।
विचार-विमर्श में न्यू साउथ वैल्स में कैबिनेट कार्यालय के पूर्व महानिदेशक और पूर्व स्थायी सचिव, अटर्नी जनरल विभाग, कॉमनवेल्थ ऑफ आस्ट्रेलिया के श्री रोजर विलकिन्स (आस्ट्रेलिया), अध्यक्ष एवं सीईओ फोरम ऑफ फेडरेशन्स, ओटावा कनाडा के श्री रूपक चटोपाध्याय (कनाडा), संघीय लोकतंत्रिक गणराज्य इथियोपिया के हाउस ऑफ फेडरेशन्स के अध्यक्ष श्री यालिव अबाटे (इथियोपिया), संवैधानिक मामलों के मंत्री के सलाहकार श्री मोहम्मद भाभा (दक्षिण अफ्रीका), जर्मन स्थिरता परिषद की स्वतंत्र सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री जॉर्ज मिलब्राट (जर्मनी), स्विस फेडरल सुप्रीम कोर्ट, कैनटन ऑफ अरगाउ सरकार तथा स्विस सिनेट के पूर्व सदस्य श्री थॉमस पीफिस्टरर भाग लेंगे।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविंद पनगड़िया, योजना आयोग के पूर्व सदस्य श्री अरुण मैरा, पूर्व वित्त सचिव श्री एस नारायण, पूर्व गृह सचिव श्री जी. के. पिल्लई, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पूर्व महानिदेशक श्री नवनीत वासन, आर्थिक विकास संस्थान के अध्यक्ष श्री नितिन देसाई, राष्ट्रीय लोकवित्त और नीति संस्थान के मानद प्रोफेसर श्री सुदिप्तो मुंडले, प्रतिष्ठित फेलो तथा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान के निदेशक श्री प्रोभितो घोष तथा दिल्ली विश्व विद्यालय की राजनीति विभाग की प्रोफेसर सुश्री रेखा सक्सेना भी सम्मेलन को संबोधित करेंगी।
सहकारी संघवाद की सहायता के लिए संस्थान, व्यवस्था तथा प्रक्रिया, संस्थागत तथा कानूनी व्यवस्थाओं पर फोकस के साथ वित्तीय संघवाद और स्वास्थ्य और शिक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा और अपराध, हरित संघवाद पर क्षैतिज और लंबवत सहयोग विषय पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
सम्मेलन में अन्य देशों के श्रेष्ठ कार्य-व्यवहारों की पहचान की जाएगी और भारतीय संदर्भ में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत व्यवस्थाओं में परिवर्तन सहित सिफारिशें की जाएंगी।