लखनऊः गन्ना किसानों का हित वर्तमान प्रदेश सरकार के एजेन्डे में सबसे ऊपर है, और गन्ना किसानों के हित में प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर गन्ना मंत्री, श्री सुरेश राणा द्वारा कृषकों का गन्ना मूल्य भुगतान शीघ्र कराने हेतु मुख्यालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा की जा रही है।
प्रदेश में एतेहासिक स्तर पर गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। गत पेराई सत्र के कुल देय गन्ना मूल्य रू.35,463 करोड़ के विरूद्ध रू.28,716 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान चीनी मिलों द्वारा कर दिया गया है तथा गत वर्ष का रू.6,746 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान हेतु अवशेष है। उक्त के साथ इससे पूर्व के पेराई सत्रों का मिलाकर कुल रू.39,317 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान वर्तमान सरकार के प्रयासों से इस वर्ष कृषकों को किया गया है।
गत वर्ष के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा निजी चीनी मिलों को रू.4,000 करोड़ का साफ्ट लोन निजी चीनी मिलों को बैंकों के माध्यम से दिलाने की व्यवस्था की गई है तथा सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को रू. 887 करोड़ एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों को रू.23 करोड़ की ऋण सहायता गन्ना मूल्य भुगतान हेतु प्रदान की गयी है। साथ ही सभी चीनी मिलों हेतु उनके द्वारा खरीदे गये गन्ने की मात्रा पर रू.4.50 प्रति कुंतल की दर से अनुदान की व्यवस्था की गयी है। सरकार की इस पहल से किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित होने के साथ-साथ चीनी उद्योग को भी राहत मिलेगी
गन्ना मंत्री द्वारा बताया गया कि परिक्षेत्रीय अधिकारियों को मुख्यालय के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्रातिशीघ्र भुगतान कराने के कड़े निर्देश दिये गये हैं। गन्ना मूल्य भुगतान की प्रक्रिया में तेजी आये, इसके लिये मुख्यालय और गन्ना विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं। जिससे कट आॅफ डेट 30 नवम्बर तक चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान सुनिश्चित किया जा सकें।