नई दिल्लीः केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) {एसबीएम (यू)} में नागरिकों कीभागीदारी को ‘जन आंदोलन’ में तब्दील करने के लिए आज नई दिल्ली में एक सलाहकार कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शहरी विकास मंत्रालय और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
इस अवसर पर श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी हितधारकों की भागीदारी से स्वच्छ भारत मिशन बड़ी तेजी से नागरिकों के एक पूर्णकालिक ‘जन आंदोलन’ में तब्दील हो जाएगा। श्री नायडू ने कहा कि भारत में विविध संस्कृतियां, परंपराएं, भाषाएं और आदतें हैं, जिस वजह से आम जनता से संवाद कायम करने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से विचारों एवं अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ अच्छे तौर-तरीकों को जानने में भी मदद मिलेगी,जिससे स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी खामियों को पाटने में आसानी होगी।
श्री नायडू ने कहा कि यह मिशन अपनी यात्रा में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। उन्होंने कुछ प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश किए, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
• चलापल्ली जिले का एक डॉक्टर दंपति साल में हर दिन अपने घर के आसपास भी साफ-सफाई करता है।
• अहमदाबाद में एक 104 वर्षीया महिला कचरा फैलाने के खिलाफ दुकानदारों को शिक्षित करने में नि:स्वार्थ ढंग से जुटी हुई है।
• महिलाओं एवं बालिकाओं ने ऐसे परिवारों में विवाह करने के खिलाफ सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है जहां शौचालय की सुविधाएं नहीं हैं।
• सेलिब्रिटी भी स्वच्छ भारत मिशन में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए आगे आ रही हैं।
• अत्यधिक योग्य प्रोफेशनल भी अपने आकर्षक करियर को छोड़कर स्वच्छता से जुड़ी तकनीकों एवं सेवाओं के लिए अपना समय और प्रयास समर्पित कर रहे हैं।
• मीडिया घराने स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने में अपने कार्यक्रमों एवं चैनलों को लगा रहे हैं।
• धामिक नेता एवं संन्यासी स्वच्छता अभियानों की जिम्मेदारी संभालने के लिए अपने अनुयायियों और स्वयंसेवकों को प्रेरित कर रहे हैं।
• कंपनियां अपनी कारोबारी प्रथाओं के एक हिस्से के रूप में स्वच्छता संबंधी पहल कर रही हैं।
• आरडब्ल्यूए विकेन्द्रीकृत खाद और अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े कार्य बड़ी सक्रियता के साथ पूरी कर रही हैं।
• स्कूली बच्चे साफ-सफाई की अवधारणा के प्रति और अधिक जागरूक होते जा रहे हैं और अपने अभिभावकों को साफ-सफाई की आदतें अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
श्री नायडू ने कहा कि अब तक 122 शहरों ने ओडीएफ (खुले में शौच की समस्या से मुक्त) दर्जा हासिल कर लिया है और कुल मिलाकर 739 शहर चालू वित्त वर्ष में ओडीएफ दर्जा हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात और केरल ने मार्च 2017 तक 100 फीसदी ओडीएफ हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है।