नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज महाराष्ट्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा समर्थित तथा पूरी हो चुकी एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं के प्रमोटर समूह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत की। बैठक में एफपीआई राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली भी उपस्थित थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में 38 कोल्ड चेन परियोजनाओं के प्रमोटर समूह ने भाग लिया। प्रमोटर समूह ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के साथ बातचीत की और परियोजनाओं को पूरा करने के अपने अनुभव/समस्याओं को साझा किया। इसके अलावा, समूह ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोल्ड चेन परियोजनाओं के संचालन में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया।
श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कोविड-19 संकट से निपटने के लिए एकीकृत कोल्ड चेन नेटवर्क की सामूहिक ताकत का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महामारी ने खाद्य उत्पादों की मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है।
कॉन्फ्रेंस में लॉकडाउन के दौरान फ्रोजेन सब्जियों और प्रसंस्कृत डेयरी उत्पादों के जमा होते स्टॉक और इनके लिए रेस्तरां, समारोह, होटल आदि पारंपरिक बाजार न मिलना तथा इन उत्पादों के निर्यात में कठिनाई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गयी।
प्रमोटरों ने कहा कि काम के अधिक घंटों की आवश्यकता है क्योंकि व्यवसाय एक तिहाई या आधे श्रम बल के साथ काम कर रहे हैं। इससे उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है और उत्पाद कम प्रतिस्पर्धी हो गए हैं।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में निम्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की:
1. कच्चे माल की उपलब्धता और इसकी उच्च लागत
2. संचालन पर लॉकडाउन का प्रभाव
3. श्रम और लॉजिस्टिक्स से जुड़े मुद्दे
4. माल (इन्वेंट्री) की उच्च लागत
5. किसानों को भुगतान के लिए नकदी की कमी