नई दिल्ली: वन स्टॉप सेंटर हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा, पुलिस, कानूनी मदद, मनोसामाजिक सलाह, अस्थाई मदद से जुड़ी सेवाओं सहित सभी तरह की मदद मुहैया करेगा।केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमण सिंह की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से प्रथम ‘महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर (ओएससी)’ की शुरुआत की. छत्तीसगढ़ के डब्ल्यूसीडी मंत्री श्रीमती रामशीला साहू भी इस मौके पर उपस्थित रहीं।
रायपुर का वन स्टॉप सेंटर रायपुर जिला अस्पताल के परिसर में स्थित है. यह हिंसा से प्रभावित महिलाओं को चिकित्सा सहायता, कानूनी मदद या मामला प्रबंधन, मनोसामाजिक सलाह, अस्थाई मदद सहित कई प्रकार की मदद एक ही छत के नीचे मुहैया करेगी।
बाद में, बुदपारा के महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि ये गर्व की बात है कि महिलाओं के लिए पहला वन स्टॉप सेंटर रायपुर में खुला है, जिसका श्रेय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह को जाता है. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि पहला वन स्टॉप सेंटर होने के नाते जिम्मेदारियां बढ़ गई है और अब इस वन स्टॉप सेंटर की ध्यानपूर्वक देख-रेख की जाएगी. मंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा वर्ष में एक ओएससी का गठन किया जाएगा, और यदि ये सफल हुए तो प्रत्येक जिले में एक ओएससी का गठन करना संभव होगा. उन्होंने विस्तार से समझाते हुए कहा कि वन स्टॉप सेंटर्स को 181 तथा दूसरे सक्रिय हेल्पलाइनों के साथ समन्वित किया जाएगा ताकि वे पूरे प्रभाव के साथ काम कर सकें।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने तेजी से घटते बाल लिंग अनुपात को ठीक करने के लिए इस साल जनवरी में मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने चंडीगढ़ राज्य की इस बात के लिए प्रशंसा की कि यह बाल लिंग अनुपात के संदर्भ में एक प्रगतिशील राज्य है जहां का औसत राष्ट्रीय औसत के कहीं ऊंचा है. महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्टेप (एसटीईपी) जैसे कौशल विकास कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस बात की भी गुजारिश की कि वे पुलिस में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करें ताकि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों से निपटने में मदद मिल सके।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर की योजना को अपनी स्वीकृति दे दी है जो पहली अप्रैल, 2015 से हर राज्य/संघ शासित प्रदेश में लागू किया जा रहा है. मौजूदा वर्ष में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 14 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ देश भर में इसके 45 केंदर् को स्थापित करने की योजना का प्रस्ताव रखा है. योजना के पहले चरण में प्रत्येक राज्य/संघ शासित प्रदेश में एक-एक वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की जाएगी।
श्रीमती मेनका गांधी ने राज्य सरकार की दो योजनाओं यानी नवजात बच्चियों के लिए तेजस्विनी और कुपोषित शिशुओं के लिए नवजतन योजना की भी शुरुआत की. इससे पहले दिन में उन्होंने कुपोषित बच्चों के लिए आयोजित एक शिविर, मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया और नवगांव में स्वंय सहायता समूह के द्वारा चलाया जा रहा इट फुट प्रोडक्शन के शिविर में भी गईं।