नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के क्रियान्वयन पर एक समीक्षा बैठक की। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, डीओपीटी, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय और वित्तीय सेवाओं के विभाग के अधिकारीगण भी इस अवसर पर मौजूद थे। श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इस बात पर चिंता जताई कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निपटारा न तो समयबद्ध और न ही संवेदनशील तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि उत्पीड़न अक्सर लंबे समय तक जारी रहता है और संबंधित महिला केवल तभी बाकायदा शिकायत दर्ज कराती है जब यह असहनीय हो जाता है। इन स्थितियों में यह आतंरिक शिकायत समिति की जिम्मेदारी होती है कि वह इस आशय की शिकायत पर जल्द से जल्द निर्णय ले। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को स्थानांतरित कर देना इस तरह की शिकायत का कोई समाधान नहीं है और जब भी इस आशय की शिकायत बिल्कुल सही पाई जाए, तो कठोर दंड दिया जाना चाहिए।