21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

एम एस एम ई मंत्री ने आई आई टी एफ में खादी इंडिया मंडप का उद्घाटन किया; के वी आई सी ने आत्मनिर्भर भारत को प्रदर्शित किया है

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2021 में भारत की बहुरंगी जातीयता, सांस्कृतिक विविधता, रंग बिरंगी कढ़ा-सिलाई और पारंपरिक शिल्प सब कुछ एक ही स्थान पर खादी इंडिया मंडप में दिखाई देता है। खादी इंडिया मंडप में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई देती है, जिसका उद्घाटन केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे ने केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, के वी आई सी अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना और एम एस एम ई सचिव श्री बी बी स्वाइन की उपस्थित में किया।

खादी इंडिया मंडप में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खादी शिल्पकारों और खादी संस्थानों द्वारा 50 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन पर उत्कृष्ट दस्तकारी वाले खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रदर्शन किया गया हैं। केवीआईसी ने महिला शिल्पकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कुल स्टालों में से 18 (36%) स्टॉल महिलाओं को दिए हैं। खादी इंडिया के इस मंडप में सबसे अधिक 10 स्टॉल दिल्ली के कारीगरों द्वारा लगाए गए हैं जबकि महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक से 5-5 स्टॉल लगाए गए हैं।

प्रगति मैदान के हॉल नंबर 7 डी में खादी के थीम मंडप में आकर्षण का केंद्र है महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ सेल्फी पॉइंट। थीम मंडप में खादी के मुख्य क्षेत्रों यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, युवा भागीदारी और वैश्विक बाज़ार में पहुँच को “आत्मनिर्भर भारत” के पांच स्तंभों के रूप में दर्शाया गया है।

श्री राणे ने रोजगार सृजन से जुड़ी विभिन्न पहलों के लिए के वी आई सी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केवीआईसी देश भर में स्व-रोजगार सृजन के द्वारा प्रशंसनीय कार्य कर रहा है और इस तरह से वह देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रहा है।

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि खादी इंडिया मंडप में प्रदर्शित खादी उत्पाद स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करते हैं, विशेष रूप से कोविड के बाद के परिदृश्य में। उन्होंने कहा कि ‘खादी’ स्वदेशी का सबसे बड़ा प्रतीक है। आईआईटीएफ में प्रदर्शित किए जा रहे खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की विशाल विविधता भारत के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मज़बूती का संकेत देती है।

खादी इंडिया मंडप में उत्पादों के अलावा उन्हें बनाने के तरीके भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। पश्मीना बुनाई, मिट्टी के बर्तन बनाना, मधुमक्खी पालन, हाथ से कागज बनाना, अगरबत्ती बनाना, जूते-चप्पल बनाना आदि का सजीव प्रदर्शन किया जा रहा है ताकि युवाओं को स्वरोजगार गतिविधियों से जुडने के लिए शिक्षित और प्रेरित किया जा सके। एक विशेष सुविधा डेस्क भी स्थापित किया गया है जो नव उद्यमियों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत विनिर्माण / सेवा इकाइयों की स्थापना के बारे में मार्गदर्शन करेगी।

खादी मंडप में पश्चिम बंगाल की मलमल, जम्मू और कश्मीर की पश्मीना, गुजरात का पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, भागलपुरी सिल्क, पंजाब की फुलकारी कला, आंध्र प्रदेश की कलमकारी सहित कपास, सिल्क और ऊन आदि से निर्मित कपड़ों की कई अन्य किस्मों और प्रीमियम खादी कपड़ों की एक श्रृंखला को प्रदर्शित किया गया है। ग्रामीण उद्योग के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रदर्शित की गई है, जिसमें गाय के गोबर से बने अभिनव खादी प्राकृतिक पेंट, चमड़े के सामान, शहद की प्रीमियम किस्में, सौंदर्य प्रसाधन, हस्तशिल्प आदिवासी आभूषण, असम के बांस से बने उत्पाद, हर्बल दवाएं, पापड़, सूखे फल इत्यादि शामिल हैं, जो मेले में आने वालों को आकर्षित करते हैं। मंदिरों से एकत्र किए गए बेकार फूलों से बनी पर्यावरण के अनुकूल अगरबत्ती भी बड़ी संख्या में आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More