नई दिल्ली: केन्द्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कोविड के बाद की स्थिति में आगे बढ़ने के लिए एमएसएमई क्षेत्र को विदेशी निवेश आकर्षित करने और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर विचार करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए प्रधान मंत्री द्वारा घोषित राहत पैकेज का उपयोग मध्यम और लघु उद्योग द्वारा किया जाना चाहिए ताकि वे फिर से अपनी गतिविधियाँ शुरू कर सकें। आज नागपुर से दो अलग-अलग वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कन्फेडरेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और मटीरियल्स रिसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्यों को संबोधित करते हुए मंत्री श्री गडकरी ने कहा, यह पैकेज स्थानीय स्वदेशी उद्योग को नए जीवन की उर्जा देगा।
श्री गडकरी ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेज एमएसएमई क्षेत्र के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस 31 मार्च तक, लगभग 6 लाख एमएसएमईका पुनर्गठन किया गया था, और इस वर्ष 31 दिसंबर तक और 25 लाख उद्यमों का पुनर्गठन किया जाएगा। अन्य फंडों को जोड़कर 10 हजार करोड़ रुपये के फंड (फण्ड ऑफ़ फंड्स) को 50 हजार करोड़ रुपये तक किया जाएगा।
श्री गडकरी ने एमएसएमई नकदी (तरलता) को इक्विटी बाजार से जोड़ने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार उन एमएसएमई इकाइयों का समर्थन करेगी, जिनकी रेटिंग अच्छी है। सरकार ऐसे उद्यमों के शेयर बाजार पूंजी में 7.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी साझा करेगी। उन्होंने कहा कि सभी को45 दिनों के भीतर एमएसएमई की सम्पूर्ण बकाया धनराशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है। श्री गडकरी ने कहा कि उन्होंने बड़े उद्योग से भी ऐसा ही करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के समाधान पोर्टल ने एमएसएमई को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान जारी करने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा, बड़े उद्योगों की आपूर्ति – आदेश के आधार पर ऐसी इकाइयों को ऋण प्रदान करने की भी योजना है।
श्री गडकरी एमएसएमई क्षेत्र की परिभाषा में बदलाव को लेकर बहुत उत्साहित थे। उन्होंने कहाकि इस क्षेत्र में निवेश की सीमा बढ़ाने से उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा, जिससे अब उद्यमों को बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त होगा। एमएसएमई क्षेत्र लंबे समय से इस संशोधन की मांग कर रहा था। इसी तरह, वैश्विक निविदा मानदंडों में ढील भी एक उल्लेखनीय कदम है।
श्री गडकरी ने उद्योग प्रतिनिधियों से एक साथ जुड़ने और प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेसवे के चारों ओर औद्योगिक क्लस्टर बनाने पर विचार करने का आग्रह किया, जहां भूमि की कीमतें कम हैं। उन्होंने कहाकि वे ऐसे सभी प्रस्तावों स्वागत करेंगे और इस दिशा में उद्योग की मदद करेंगे।