नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया है कि गरीब, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए राजस्थान के अलवर में 1 अक्टूबर, 2018 को एक विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान की आधारशिला रखी जाएगी।
श्री नकवी ने आज नई दिल्ली में मौलाना आजाद शिक्षा फांउडेशन की जनरल बॉडी और गवर्निंग बॉडी की बैठक अध्यक्षता करने के अवसर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अलवर में बनाए जाने वाले शिक्षा संस्थान के लिए राजस्थान सरकार ने अलवर जिले के किशनगढ़ बांस तहसील के कोहरापीपली गांव में 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। इस संस्थान में शोध केंद्र, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय तथा प्राथमिक और उच्चतर शिक्षण सुविधाओं के साथ ही खेलों के लिए भी अलग से व्यवस्था होगी।
उन्होंने बताया कि संस्थान में तकनीकी शिक्षा के साथ ही चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी और रोजगारपरक कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम भी होंगे। संस्थान में 40 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संस्थान के गठन और उसकी समूची प्रक्रिया तय करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों और संस्थान के सदस्यों को मिलाकर एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन के जनरल बॉडी की 57वीं और गवर्निंग बॉडी की 101वीं बैठक में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप और गरीब नवाज कौशल विकास योजना तथा ऐसी ही कई अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
श्री नकवी ने इस अवसर पर कहा कि पिछले चार वर्षों में समाज के गरीब और कमजोर वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 3 करोड़ छात्र लाभान्वित हुए हैं, जिनमें 1 करोड़ 63 लाख लड़कियां हैं। उन्होंने कहा कि पहले 70 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियां बीच में ही स्कूल छोड़ देती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर 35 से 40 प्रतिशत रह गई है। सरकार इसे शून्य प्रतिशत पर लाना चाहती है। अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए शुरू की गई छात्रवृत्ति ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय 3-ई यानि शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले एक वर्ष के दौरान अल्पसंख्यक मदरसों सहित अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा से जोड़ दिया गया है।