देहरादून: प्रदेश में विकलांग बच्चों के लिए स्कूल स्थापित करने वाली संस्थाओं को निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। अटल आवास योजना में 5 प्रतिशत आवास विकलांगजनों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। शहरों में नगरपालिकाओं के तहत आवंटित किए जाने वाले फड़ में कुछ प्रतिशत फड़ महिलाओं के लिए व कुछ प्रतिशत फड़ विकलांगजनों के लिए रिजर्व की जाएंगी।
आटोरिक्शा व ई-रिक्शा में भी विकलांग जनों को प्राथमिकता दी जाएगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रेम नगर में अंतर्राष्ट्रीय विकलांगजन दिवस पर आयोजित बहुद्देशीय कल्याण शिविर का विधिवत शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त घोषणाएं करते हुए कहा कि आज का दिन विकलांगजनों को स्वावलम्बी बनाने व विकलांगता के कारणों को समूल नष्ट करने के लिए संकल्प लेने का दिन है। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य स्तरीय मेले का आयोजन किया जाए जिसमें विभिन्न कार्यों में दक्ष विकलांगजनों के साथ ही नियोक्ता व प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा प्रतिभाग किया जाए। नियोक्ता विकलांगजनों को उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार आॅफर करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा की कमी के कारण जन्म से ही बच्चों में शारीरिक कमजोरी आ जाती है। शारीरिक संरचना के लिए जन्म के बाद के कुछ वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं। हमने जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य के लिए अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। हर माह की 5 तारीख को आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों का वजन लिया जाता है। इसमें समाज कल्याण, स्वास्थ्य सहित सभी रेखीय विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि समाज के प्रबुद्धजन एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र की देखरेख का जिम्मा ले लें तो न सिर्फ सरकार का काम आसान होगा बल्कि गुणात्मक परिवर्तन भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बहुउद्शीय शिविरों को ब्लाॅक स्तर तक ले जाने व इनमें जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमत्री श्री रावत ने कहा कि हमने 2 किग्रा मंडुवा, 1 किग्रा आयोडिनयुक्त नमक व 1 किग्रा काला भट देना प्रारम्भ किया तो मातृत्व मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है। सशक्त महिला ही सशक्त भारत व सशक्त समजा का निर्माण कर सकती है। हमने लड़कियों के जन्म, शिक्षा, विवाह, गर्भावस्था, बुजुर्गावस्था पर प्रत्येक स्थिति में सहायता के लिए योजनाएं प्रारम्भ की हैं। विकलांगजनों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विकलांग पेंशन, तीलू रौतेली पेंशन, विकलांगजनों को विवाह के लिए सहायता राशि, बौने व्यक्तियों को सम्मान राशि, विकलांग बच्चों के लिए पोषण भत्ता, उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा, विकलांग छात्रवृत्ति, विकलांगजनों के सम्मान के लिए सरकार की ओर से योजनाएं हैं। कृत्रिम अंग वितरण में बड़ी इंडस्ट्रियों का सहयोग लिया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने दक्ष विकलांग कर्मचारियों, विकलांग खिलाडि़यों, स्वरोजगार करने वाले विकलांगजनों, विकलांगों को नौकरियां देने में अग्रणी नियोक्ताओं व प्लेसमेंट संस्थाओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विकलांगजनो को उपकरण भी वितरित किए। उन्होंने बहुउद्शीय शिविर का अववलोकन किया और वहां की सारी प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त की।
केबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि विकलांगजनों को रोजगार से जोड़ते हुए समाज की मुख्यधारा में लाए जाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। इनका मनोबल बढ़ाए जाने की जरूरत है। बहुउद्देशीय शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौके पर विकलांगता प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं तो समाज कल्याण विभाग विकलांग पेंशन स्वीकृत कर रहा है। विकलांगजनों को सही दिशा देने के लिए मुख्यमत्री श्री रावत के नेतृत्व में अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। केबिनेट मंत्री श्री नेगी ने कहा कि युवाओं में नशे के दुष्प्रभाव बढ़ रहा है। राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। परंतु अभिभावकों को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। अभिभावक अपने बच्चों को पूरा समय दें।