देहरादून: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल इंडस्ट्री पर मनोरंजन कर समाप्त किया जाएगा। सोमवार को मसूरी के जेपी होटल में आयोजित होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसियेशन की वार्षिक बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कार्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। प्रदेश में होटल इंडस्ट्री के लोगों को बढ़चढ़कर भागीदारी निभानी चाहिए। सरकार हर तरह से सहयोग करते हुए पर्यटन से जुड़े लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें सकारात्मक सोच रखते हुए आगे बढ़ना होगा। राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाया जा रहा है। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति 10 करोड़ रूपए तक के निवेश प्रस्तावों को सभी प्रकार की मंजूरी देने का काम करेगी। जबकि इससे अधिक राशि के निवेश प्रस्तावों के लिए मुख्य सचिव स्तर पर समिति बनाई गई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने होटल व्यवसायियों को राज्य में पर्यटन को विकसित करने व देश विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नए विचारों, सृजनात्मक पहल से संबंधित सुझाव देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में वन को पर्यटन के साथ संबद्ध किया जा रहा है। वननिगम को साईकिल ट्रेक, लघु जलाशय विकसित करने का काम दिया गया है। इसमें पर्यटन उद्योग भी अपनी सहभागिता निभा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी हिमालय की बहुत सी खूबसूरती अनछुई रह गई है। हमें अपने देखने व सोचने का नजरिया बदलना होगा। राज्य में पर्यटन के विविध आयामों की सम्भावनाओं पर नजर नहीं गई है। अभी केवल मसूरी, नैनीताल जैसे कुछ ही स्थानो को पर्यटन के केंद्र के तौर पर लिया जाता है। हमें पर्यटन को विकेंद्रीकृत करना होगा। होटल व्यवसायियों को भी इसमें अपनी भूमिका निभानी चाहिए। राज्य सरकार सांस्कृतिक पर्यटन, विंटर चारधाम, स्थानीय व्यंजनों को प्रोत्साहित करने पर फोकस कर रही है। हमने एक वर्ष में पर्यटन को दुबारा पटरी पर लाने में सफलता हासिल की है। अब इसे नई ऊंचाईयां देने सभी स्टेक हाॅल्डर्स को मिलजुलकर प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन द्वारा सुझायी गई पर्यटन निवेश व प्रोत्साहन नीति की सराहना की।