मसूरी: भारत के प्रमुख गर्ल्स स्कूलों की सूची में शुमार मसूरी इन्टरनेशनल स्कूल ने आज अपना 34वां संस्थापक दिवस मनाया। एमआईएस के नाम से विख्यात इस प्रमुख गर्ल्स स्कूल ने साल-दर-साल हज़ारों विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के द्वारा उज्जवल करियर देकर विश्वस्तर पर प्रतिष्ठा हासिल कर ली है।
थाईलैण्ड के राजदूत महामहिम श्री चूटींटॉर्न गांगस्कदी की मौजूदगी में इस साल का जश्न मनाया गया, जो इस मौके पर मुख्य अतिथि थे।
एमएआईएस के संस्थापक दिवस का जश्न दो दिनों तक चला, जिसमें स्कूल के विद्यार्थियों और प्रबन्धन ने पूरे जोश एवं उत्साह के साथ हिस्सा लिया। संस्थापक दिवस की पूर्वसंध्या पर विशेष प्रदर्शनी‘‘हार्मोनी’’ का उद्घाटन किया गया, जिसमें दुनिया भर के विभिन्न देशों की विशेषताओं को दर्शाया गया। एमआईएस के छात्रों ने रीसाइकल्ड सामग्री जैसे बोतल, बॉल, बोतल के ढक्कन आदि से मॉडल बनाकर प्रदर्शनी में डिस्प्ले किए। इसके बाद प्राइमरी स्कूल के छात्रों ने शानदार म्युज़िकल परफोर्मेन्स दिया। 500 से अधिक एमआईएस स्टार्स ने एक साथ मिलकर बेहद खूबसूरती से 30 विभिन्न वाद्ययंत्रों को एक साथ तालमेल में बजाया। इस दौरान बजाए गए कुछ वाद्य यंत्र थे -कहून, ऑक्टोपैड, सरोद, सारंगी, मंडोलिन, खिम और जयदीप बेला। सभी आगंतुकों ने ऑर्केस्ट्रा परफोर्मेन्स को खूब पसंद किया जिसके बाद विशेष रात्रिभोज का आयोजन किया गया।
अगले दिन की शुरूआत एमआईएस के पारम्परिक हवन के साथ हुई। स्कूल की शुरूआत से ही हवन संस्थापक दिवस के समारोह का अभिन्न हिस्सा है। हवन के दौरान गीता उपनिषद से मंत्रों का उच्चारण किया गया, जोकि महाभारत की छठी किताब का भाग है। गीता उपनिषद उन परम सिद्धान्तों को बताती है जो एक व्यक्ति को सच्चा जीवन व्यतीत करने में मदद करते हैं। अभिभावकों, विद्यार्थियों, आगंतुकों एवं स्टाफ ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
‘हरित पहल’ के मद्देनज़र एमआईएस परिवार के सभी सदस्यों ने वृक्षारोपण अभियान में हिस्सा लिया। समारोह की शुरूआत एमआईएस की प्रिंसिपल श्रीमती शकुंतला वशिष्ट द्वारा स्वागत संबोधन के साथ हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हर बीतते साल के साथ हम कुछ नया सीख रहे हैं, एमआईएस के अनुभवों एवं यादों में नए अध्याय जुड़ते जा रहे हैं। आज एमआईएस ने 34 साल पूरे कर लिए हैं और इस मौके पर यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि स्कूल के पूर्व छात्र, मौजूदा छात्र, अध्यापक एवं स्टाफ सभी मिलकर इस दिन का जश्न मना रहे हैं। अध्यापकों और छात्रों की कड़ी मेहनत हमें लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का आत्मविश्वास देती है। हमारी ये छात्राएं अपने करियर और जीवन में कामयाबी हासिल कर हमें गौरवान्वित करती हैं। हमें अपने छात्रों पर गर्व है, जो न केवल अकादमिक क्षेत्र में हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं बल्कि खेलों एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। एमआईएस हमेशा से अपने नैतिक मूल्यों को महत्व देता रहा है और यही कारण है कि आज हम इस मुकाम पर हैं तथा आने वाली पीढ़ियों को भी एमआईएस के यही मूल्य देने के लिए निरंतर तत्पर हैं।’’
श्री देव सिंधु, जिनकी बेटी एमआईएस की हैड गर्ल हैं, ने कहा, ‘‘मैं इस विशेष दिन के मौके पर एमआईएस के अध्यापकों एवं स्टाफ को बधाई देना चाहूंगा। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे स्कूल के संस्थापक दिवस में शामिल होने तथा एमआईएस स्टार्स की प्रतिभा एवं उपलब्धियों को देखने का मौका मिल रहा है। यह देखकर अच्छा लगता है कि हर बीतते साल के साथ एमआईएस स्टार्स की क्षमता लगातार विकसित हो रही है।’’
माननीय मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इस मौके पर 3 पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया गया। यह संकलन छात्रों की कड़ी मेहनत और प्रयासों का परिणाम है- फ्लोरा एण्ड फॉना (जैसा कि नाम से ज्ञात होता है यह मसूरी के आस-पास के पौधों और जीव-जंतुओं पर आधारित है), ओडिसी (मसूरी में स्थित दर्शनीय स्थलों पर रोशनी डालती है), सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत स्कूली छात्रों द्वारा ‘गणेश वंदना’ के साथ हुई, हिंदु परम्पराओं के अनुसार हर शुभ कार्य की शुरूआत श्री गणेश जी के आहृन के साथ ही होती है। इसके बाद इंग्लिश गु्रप परफोर्मेन्स -‘एस्सेयर टॉउट’ का आयोजन किया गया है जिसका अर्थ है ‘‘हर कोशिश करें’’।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले अन्य दिग्गजों में – मिस ओराया विट्टायासूपोर्न (प्रथम सचिव, थाईलैण्ड दूतावास), श्री कृतनारोंग सेरीसवद (द्वितीय सचिव, थाईलैण्ड दूतावास) शामिल थे।
भारतीय संस्कृति की नौ भावनाओं जैसे प्यार, हंसी, गुस्सा, सहानुभूति, घृणा, डर, साहस, आश्चर्य और शांति पर आधारित हिंदी डांस ड्रामा ‘‘नवरस’’ दर्शकों के लिए आकर्षण केन्द्र बन गया।
दुनिया भर से आए एमआईएस के पूर्वछात्रों ने स्कूल के अध्यापकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इन दिग्गजों ने स्कूल की उत्कृष्ट विरासत के बारे में अपने विचार अभिव्यक्त किए।