देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मेरा गांव-मेरा धन योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि मेरा गांव-मेरा धन, मेरा पेड-मेरा धन, मेरा गांव-मेरी सड़क, बागवानी कलस्टर, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग एवं लघु जल विद्युत नीति का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी के विकास के साथ ही इन क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकना है।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती से लोगों को जोड़ने के प्रयासों में तेजी लायी जाए। यह बात मुख्यमंत्री श्री रावत ने विगत दिवस बीजापुर अतिथि गृह में मेरा गांव-मेरा धन योजना के साथ ही अन्य योजनाओं की प्रगति से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि खाली हो रहे गांवों को आबाद करना हमारा मकसद है। इसीलिये सरकारी स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केन्द्रों, आई.टी.आई सहित अन्य संसाधनों के लिये भवन निर्माण के लिये प्रवासी सहित अन्य स्थानीय निवासियों को इसमें आगे आने के लिये योजना बनायी गई। इसमें निवेश की धनराशि का 12 से 15 प्रतिशत तक ब्याज दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इस योजना से स्थानीय लोगों में पलायन रोकने के साथ ही ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, इसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी। कोई भी प्रवासी व्यक्ति अपने बुजुर्गों की याद में भी एक भवन ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुरूप बना सकता है, उसे भी योजना के तहत लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना में अन्य निवेशक तो आ रहे है, लेकिन हमारा उद्देश्य स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना है। उन्होंने इसके लिये यथा शीघ्र पूरी कार्य योजना बनाने के लिये अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिये है, ताकि उसे यथा शीघ्र कैबिनेट के समक्ष रखा जाय।
बैठक में मुख्य सचिव एन. रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, अपर मुख्य सचिव एस.राजू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश आदि उपस्थित थे।