लखनऊः वर्ष 2016-17 के लिए राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आज 21 दिसम्बर 2015 को किया गया। क्रेडिट सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए
श्री प्रवीर कुमार, आई ए एस , कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर 2016-17 का विमोचन किया गया।
नाबार्ड ने वर्ष 2016-17 हेतु उत्तर प्रदेश के लिए रु.1,77,917 करोड़ के परिव्यय की ग्रामीण ऋण आयोजना का आकलन किया है. यह राशि, राज्य के मौजूदा वर्ष की ऋण संभावना से 24% अधिक है. इस योजना के तहत कृषि हेतु परिव्यय रु. 1,18,851 करोड़, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए रु.25,933 करोड़, और शिक्षा, ग्रामीण आवासन, निर्यात ऋण आदि के लिए रु. 21637 करोड़ का आकलन है। श्री प्रवीर कुमार ने अपने सम्बोधन में कृषि क्षेत्र में कैपिटल formation पर बल दिया एवं प्रधान मंत्री जन धन योजना में बैंकों द्वारा खोले गए रेकॉर्ड खातों के लिए बैंकों का अभिवादन किया । उन्होने किसानो के प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर बल देने की बात भी रखी। उन्होने किसानों के फलों का उचित एवं बाज़ार अनुकूल मूल्य उपलब्ध करने के लिए प्रणालियों के गठन करने कि बात भी रखी।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव, कृषि ने कहा कि बैंकों द्वारा चालू और निष्क्रिय के सी सी खातों कि पहचान कर एक कार्यक्रम चला कर के सी सी के उपयोग को राज्य में बढ़ाने कि ज़रूरत है । उन्होने कृषक उत्पादन संगठन कार्यक्रम के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम से किसानों को समुचित लाभ मिलने कि बात को प्रमुखता से रखी।
श्री ए के पंडा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने उफने उद्बोधन में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए नाबार्ड कि प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बैंकों से कृषि मूल्य संवर्धन क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर ऋण प्रवाह बढ़ाने कि बात काही । उन्होने यह भी बताया कि ग्रामीण आधारभूत संरचना निधि से नाबार्ड द्वारा रु 983 करोड़ के ऋण कि स्वीकृति राज्य सरकार को प्रदान कि गयी है, जिससे राज्य में 8 नयी डेरी, 4 पुरानी डेरी का जीर्णोद्धार , 1100 बल्क मिल्क कूलर, 11000 आधुनिक दुग्ध संग्रहण एवं डाटा processing सेंटर और आधुनिक लैबोरेटरी कि स्थापना की जाएगी।
कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रजावल कर किया गया एवं सेमिनार में विशिष्ट अथितियों द्वारा स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कृषक तकनीक हस्तांतरण के अंतर्गत चलाये जा रहे कार्यक्रमों से लाभान्वित किसानों की सफलता की कहानियों “खेत खलिहान” का भी विमोचन किया गया।
संगोष्ठी में विभिन्न संबद्ध विभागों के प्रमुख सचिव और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी , रिजर्व बैंक , एसएलबीसी और बैंकों के वरिष्ठ कार्यपालक और गैर सरकारी संगठनों, सहकारी बैंकों के अधिकारी ,नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक , अग्रणी ज़िला प्रबन्धक, कृषक उत्पादक कमापनी के निदेशक मण्डल के सदस्य, प्रगतिशील किसान आदि शामिल हुए। राज्य ऋण संगोष्ठी के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र में पूंजी निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चाओं के बाद राज्य में कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार होने की संभावनाएँ बनी।