नई दिल्ली: केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार एनएबीएच (भारत के लिए अत्याधुनिक हवाई अड्डे) निर्माण पहल के एक हिस्से के रूप में हवाई अड्डों की क्षमता के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनएबीएच निर्माण के तीन प्रमुख पहलु हैं : (1) उचित एवं समान भूमि अधिग्रहण, (2) हवाई अड्डे के लिए दीर्घकालिक मास्टर प्लान एवं क्षेत्रीय विकास तथा (3) सभी हितधारकों के लिए संतुलित अर्थव्यवस्थाएं। उन्होंने कहा कि यात्री सुविधा को बेहतर बनाने, कारगो संचालन सुविधाओं को बढ़ावा देने एवं उड़ान योजना के तहत 56 नये हवाई अड्डों का आरंभिक परिचालन उनका फोकस क्षेत्र होगा, जबकि इसके साथ-साथ क्षेत्रीय संपर्क में सुधार लाने तथा व्यापक तरीके से यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने पर कार्य किया जाएगा।
नये (ग्रीनफील्ड) हवाई अड्डों पर संचालन समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने पुरंदर, पुणे में नए (ग्रीनफील्ड) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए स्थल मंजूरी को अनुमोदित कर दिया। मंत्री महोदय ने उत्तर प्रदेश के जेवर गांव के उत्तर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय नया (ग्रीनफील्ड) हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भी सिद्धांत रूप से अनुमोदन प्रदान किया।
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को स्थल मंजूरी अनुमोदन की एक शर्त यह है कि परियोजना की निष्पादनकारी एजेंसी महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड-एमएडीसी-वर्तमान पुणे हवाई अड्डे को बंद करने का प्रयास नहीं करेगी। तदनुरूप, यह रक्षा मंत्रालय के समक्ष इस मुद्दे उठाएगी और दोनों हवाई अड्डों को नागरिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी। स्थल मंजूरी अनुमोदन की प्राप्ति के साथ एमएडीसी टेक्नो आर्थिक संभाविता रिपोर्ट एवं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कार्रवाई कर सकती है।